Sunday, December 30, 2007
बड़ी मुश्किल से जीवन में मिलते है सच्चे दोस्त
सच है कि जिसके जीवन में कोई सच्चा मित्र नहीं वह बदकिस्मत हैं।यों तो हर व्यकित को अपने जीवन की लड़ाई अकेले लड़नी पड़ती हैं। मगर कोई सच्चा दोस्त साथ हो तो कोई भी संघर्ष आसान हो जाता हैं । अकेले होने का अहसास नहीं खटकता न ही निराशा घेरती हैं। हालिया सर्वे में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया हैं कि जिनके दोस्त नहीं होते वे अवसाद के शिकार हो जाते हैं। यहॉ तक कि ऐसे लोग हृदय संबंधी बीमारीयों की चपेट में आकर हर साल मौत के मुँह में चले जाते हैं। मनोंवैज्ञानिकों का भी मानना है कि जीवन में एक दोस्त का होना ज़रूरी है। परिवार, पत्नी और बच्चे होने के बावजूद एक ऐसा दोस्त का होना अपने दुख-सुख कह सके। कोई पीड़ा सता रही हो उसे अपने दोस्त से कहकर मन का बोझ को हल्का किया जा सकता हैं। वैसे भी सच्चे मित्र की पहचान संकट के समय ही होती हैं ।तुलसीदास ने ठीक कहा है कि-आपत काल परखिए चारि, धर्म धीरज, मित्र अरि नारि ।
शेष अगले अंक में
रजनीश अग्रवाल
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3 comments:
बहुत सुन्दर व सही विचार प्रेषित किए है।अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा।
वाह मित्र क्या बात है स्वागत है आपका ब्लोग की इस दुनिया में।
बात तो सटीक है की अगर आपके पास एक सच्चा मित्र हो तो आपके पास एक कंधा है,मिलकर चलने के लिए,दुख में रोने के लिए,गम बाँटनें के लिए ।
और मिलकर लड़ने के लिए उन परिस्थितियौं से जिसमें शायद आपका मनोबल घायल हो चुका हो,तब आपका मित्र आपके पास होता है आपको बतानें के लिए की गुरू आप न घबराऐ,अपनें आप पर विशवास रखें की आप बाप हैं।
रजनीश मेरे शब्दों को शायद आप समझ रहें हैं आपने भी अपनें एक मित्र को तब सबंल दिया था जब औरों नें उसे अपमान का कबंल दिया था।नया साल आ रहा है तुलसी को सटीक पेला है,मित्र की महिमा तो आप समझ गये शायद अब आप नारी महिमा समझनें हेतू आतुर होगे।प्रियवर आपके आगामी लक्ष्य हेतू आपको लपक के शुभकामनाऐं,और झमाझम आशीर्वाद ।
बस लगे रहो
rajnish tumhara article accha laga . yar but hum sub kafi lucky hai kynki humare tumhare pass rangkarmi parivar ka har ek member ek accha dost hai
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