Monday, December 31, 2007
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं .....
वर्ष 2008 की शुभकामनायें
नया साल, नयी उम्मीदें... शुभकामनाएं
साथियों, साल 2007 मे ही रंगकर्मी की शुरुआत हुई। और खुशी की बात है कि हमारे इस परिवार मे हर रोज़ कई नये लोग जुड़ रहे हैं। हमें हर दिन रंगकर्मी की सदस्यता के इच्छुक लोगों की मेल्स आ रही हैं। रंगकर्मी के प्रति लोगों मे बढता क्रेज़ आप सभी साथियों की बदौलत है। देश ही नही विदेशों मे रह रहे हिन्दी भाषी लोग भी हमारे साथ जुड़ रहे हैं। कई साथियों ने बड़े ही शानदार तरीके से अपनी आमद दर्ज कराई है जिनका अन्दाज़ सभी को पसन्द आया। मुझे उम्मीद ही नही पूरा विश्वास है कि साल 2008 रंगकर्मी के लिये खास होगा। और हमारे सभी साथी अपनी लेखनी के ज़रीये रंगकर्मी के इस सफर को आगे बढाते रहेगें। मेरा निवेदन है उन लोगों से जो रंगकर्मी के सदस्य बनना चाहतें हैं कि वो हमें मेल करते समय अपने परिचय के साथ-साथ अपना पता और फोन नम्बर भी ज़रुर लिखें। आप सभी साथियों के अभिवादन के साथ........... नये साल 2008 की हार्दिक शुभकामनाऐं। ईश्वर से प्रार्थना है कि नया साल आप सभी के लिये ढेरों सफलताऐं और खुशियां लेकर आये........
आपका..........
परवेज़ सागर
www.rangkarmi.blogspot.com
www.parvezsagar.blogspot.com
Sunday, December 30, 2007
नव वर्ष की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाऐं.
बड़ी मुश्किल से जीवन में मिलते है सच्चे दोस्त
Ek hindustani
Saturday, December 29, 2007
शायर की बीवी
आँखे बन्द कर लेने से नज़ारे नही बदलते...
अनुराग ने रंगकर्मी पर अपनी पोस्ट "जंग लगी जम्हूरियत" ड़ालने के बाद मुझसे ऑन लाइन पूछा सर मेरे आक्रोश पर आपने कुछ लिखा नही। मैने अनुराग से कहा ये तुम्हारा आक्रोश नही भाई ये तो वो हकीकत है। जो सबके सामने है लेकिन अफसोस कि उसे कोई देखना नही चाहता। अनुराग ने अपनी रचना के ज़रीये एक ऐसी सच्चाई को शब्दों मे ढाल दिया जिससे हम सभी हरदम जो-चार होते है। जम्हूरियत का मतलब सिर्फ कहने या लिखने से ही नही बल्कि सामाजिकतौर दिखाई देना चाहिये। लेकिन हकीकत मे ऐसा नही है। अगर सपनों की दुनिया से बाहर आकर देखें तो अनुराग की रचना हकीकत की शक्ल मे आपके सामने खड़ी नज़र आती है। ज़रुरत इस बात की है कि अनुराग की तरह ही हम सभी को इस बारे मे सोचना होगा। नही तो जंग लगी ये जम्हूरियत इस हाल से भी बदतर हो जायेगी। हमारे साथी अनुराग को बधाई इस पोस्ट के लिये। सभी साथियों से उम्मीद है कि वो सब अपनी लेखनी के दम पर सच को उजागर करते रहेगें। क्योंकि आँखे बदं कर लेने से नज़ारे नही बदलते............परवेज़ सागर
Benazir, Benazir & Benazir........
I am not her relative, not her friend, never interviewed her, never met her, never talked to her! Then why I am writing about her. I myself don't know. I was little sad when the news broke of her assasination. I don't know why. I was glued to a TV set, talking to my friends about the news but no one seemed to be interested. They said it was nothing new in Pakistan. Sooner or later It had to happen. But why Benazir, why not someone else? As far I am concerned It was a black day for the entire region but more for our neighbour. They lost a charismatic leader. But why I am concerned! Why I was not able to sleep whole night? I did'nt had my breakfast the next morning. I was feeling low. Why? As i said I had no relation with the departed soul. After introspecting for almost two days I sat to write down. As the title says Benazir,Benazir & Benazir......... meaning beautiful. She was beautiful, charismatic leader with mass appeal, well educated. And most Important she was almost on the verge of becoming Prime Minister Of Pakistan. But again why I am disturbed? Am I disturbed for Pakistan. May be Yes. Yes........... Yeas I got it right........ Its for pakistan. I am sad for Pakistan. SHHHHSSSSSS. If someone hear this will brand me as a traitor. Right! No not in todays scenario. Things have changed in past few years. Both the countries are looking to each other as strategic partners. But this untimely demise of Mrs. Bhutto will change something. It will change pakistan. In fact It has changed Pakistan. Mush......... Please listen. Death of Mrs Bhutto will change Pakistan. I cannot say how right now....... But Still I am sad...........This post is incomplete. Will get back as soon as i gather my words.
Friday, December 28, 2007
जंग लगी जम्हूरियत
बेनजीर की हत्या पर रोष
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की कड़ी भर्त्सना की है. सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान की जनता से संयम बरतने और देश में स्थायित्व बरकरार रखने की अपील करते हुए कहा है कि इस अपराध को अंजाम देने वालों, योजना बनाने वालों और धन उपलब्ध कराने वालों को क़ानून का सामना करना पड़ेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है. अमरीका ने इसे 'कायरतापूर्ण' कार्रवाई करार दिया है. अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने एक बयान में कहा ' यह एक कायरतापूर्ण कार्रवाई है और जिन्होंने ऐसा किया है उन्हें क़ानून का सामना करना पड़ेगा.' उन्होंने कहा कि ऐसे समय में उनका पूरा समर्थन पाकिस्तानी जनता के साथ है जो लोकतंत्र की बहाली चाहते हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान कि मून ने बेनज़ीर की हत्या की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा है कि यह एक नृशंस हत्या है और पाकिस्तान में अस्थिरता फैलाने के लिए ऐसा किया गया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस मामले में एक आपात बैठक कर रहा है. ब्रिटेन सरकार ने भी बेनज़ीर की हत्या की निंदा की है और कहा कि ऐसी निरर्थक हिंसा का कोई मतलब नहीं है. प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने अपने बयान में कहा कि बेनज़ीर ने यह साबित कर दिया कि वो दिलेर महिला थीं. उन्होंने कहा कि भले ही बेनज़ीर भुट्टो अब हमारे बीच नहीं रहीं लेकिन पाकिस्तान को लोकतंत्र की राह बंद नहीं होती है. पाकिस्तान को लोकतंत्र की बहाल के लिए प्रयास करते रहना चाहिए. इससे पहले ब्रिटेन के विदेश मंत्री मिलीबैंड ने इसे जघन्य कृत्य बताया है और और पाकिस्तान में संयम और एकता की अपील की है. पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री और पीपुल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो की गुरूवार, 27 दिसंबर 2007 को एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई है. बेनज़ीर भुट्टो इस्लामाबाद के नज़दीक रावलपिंडी में एक चुनाव रैली को संबोधित कर रही थीं और वह आत्मघाती हमले का शिकार हो गईं. राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ और उनकी सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है ताकि "आतंकवादियों को नापाक इरादों को नाकाम किया जा सके."पाकिस्तान के एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने उनकी मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
सौजन्य- BBCHINDI
नफस-नफस, कदम-कदम
नयी पतितकारिता
Thursday, December 27, 2007
इंकलाब , इंकलाब , इंकलाब
पाकिस्तान ? बेनजीर की हत्या........
thanks!
आज सुबह
असफलता, सफलता की सीढ़ी
Wednesday, December 26, 2007
एक भावुक पोस्ट
अनुराग अमिताभ की तस्वीरें........
हमारे साथी अनुराग अमिताभ ने भोपाल जाकर मोर्चा सम्भाल लिया है। मेरा मतलब है कि सीएनईबी न्यूज़ चैनल ने अनुराग को भोपाल ब्यूरो की ज़िम्मेदारी दी है। उनके साथ कैमरामैन अरविन्द रहेगें। ये जो तस्वीरें आप देख रहे हैं, सभी अनुराग के मोबाइल से ली गयी हैं। इसमे एक तस्वीर को छोड़कर बाकी सारी तस्वीरें सीएनईबी के नोएड़ा ऑफिस की हैं। उन्होने आज ही मुझे ये तस्वीरें भेजी हैं।TUMKO NA BHOOL PAYENGE.........
ALL CREDITS TO THE MAN WHO GIFTED US EVERLIVELY “SHOLAY”……May Sippi ji’s soul rest in peace of heaven……
A glimpse of Sholay that’s still bombarding Sholay………Sholay is a film with many firsts to its credit. It is the highest grossing film of all times in India. BBC India declared it the film of the millennium . It ran for 286 weeks straight in Mumbai's Minerva theatre. It was the first film in the history of Indian cinema to celebrate silver jubilee (25 weeks) at over a hundred theatres across India. It’s a film that has ignited not just the entertainment quotient but the emotional quotient of people for decades.Gabbar's name might not scare children today, but on hearing the dacoit's name they'll confidently say kitne aadmi the. Dialogues like tera kya hoga re kaaliya, arre o sambha have become a part of our daily parlance.Such is the popularity of the Sholay-talk that for the first time in the history of Bollywood, LPs of the film's dialogues was released. Sholay not only captured the imagination of the viewers, it provided fodder for a generation of filmmakers to draw inspiration from.After the release of Sholay, the film as if got a life of its own - spawning remakes, spoofs, inspiring Amul hoardings, mobile games and even local remakes. So great is the wealth of this cult classic that it caused a rift in the Sippy family over issues of rights and revenues from the film. The very filmmaker whose genius was behind Sholay has currently no claims over the film.Sholay is unique in many ways. When was the last time that a character with only one dialogue in a film as been as memorable as Sambha? With barely two scenes to his credit, Soorma Bhopali became a household name. Believe it or not, such was the popularity of this character that in 1988 a film titled Sorrma Bhopali was made.Strangely, Sholay won only one Filmfare award in 1976 for best editing. Interestingly, when first released it was declared a commercial disaster. Word of mouth convinced movie-goers to give the film a chance. And the rest, as they say, is history
Some Amazing Facts
Tuesday, December 25, 2007
Modi-Saudagar ya Jadugar?
Monday, December 24, 2007
ब्रिटनी और विवाद साथ-साथ......
मुसीबत में घिरी रहने वाली पॉप स्टार ब्रिटनी स्पीयर ने उस समय तमाशा खड़ा कर दिया जब एक स्टोर में उन्हें चिड़चिड़ेपन का दौरा चढ़ा और दुकान के कर्मचारियों के सामने ही उन्होंने कपड़े उतार दिए। वेबसाइट contactmusic.com की खबर के मुताबिक स्पीयर्स हॉलीवुड सेक्स स्टोर पहुंचकर कुछ उत्तेजक कपड़ों को पहनकर देखना चाहती थीं। जब दुकान के कर्मचारी ने कहा कि वे अंडरवियर पहनकर नहीं देख सकतीं तो ब्रिटनी आग बबूला हो गईं। उन्होंने अपना अंडरवियर उतारा और पुरूषों के पहने जाने वाले ‘बेयरली लीगल’ लिखे छोटे पेंट की जोड़ी पर पहनाने लगी। हैरान-परेशान कर्मचारी उन्हें देखते रहे। एक सूत्र ने इस बारे में बताते हुए कहा कि सचमुच वे काफी परेशान लग रही थीं। वे इस घटना से अलग दिखाई पड़ रहीं थीं। उनकी आंखें में कुछ नहीं चल रहा था। इस घटना के वक्त मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि ऐसा लग रहा था मानो बच्चे से निबटा जा रहा हो। बाद में ब्रिटनी ने अपने अंडरवियर के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया और अपने रास्ते में आने वाले पुतले को धक्के देती हुई बाहर निकल गयी।ब्रिटनी स्पियर्स ने अपनी 16 वर्षीया बहन के गर्भवती होने का सारा दोष अपनी मां लिने स्पियर्स पर डाला है। स्पियर्स ने अपनी बहन के गर्भवती होने की सूचना पाते ही अपनी मां को बुलाया और काफी देर तक इस बारे में चर्चा की। वेबसाइट ‘pegesix.com’ (पेजसिक्स डॉट कॉम) ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "ब्रिटनी लगातार उन पर गुस्सा हो रही थीं और यह आरोप लगा रही थीं कि उन्होंने ही उनकी बहन की जिंदगी खराब की है। " इस सूत्र के हवाले से बताया गया है कि "ब्रिटनी को ऐसा लगता है कि जब उन्हें अपने परिवार की जरूरत थी तो किसी ने उनका साथ नहीं दिया। उन्हें ऐसा लगता है जैसे उन्हें परिवार से अलग कर दिया गया है।" इस वजह से ब्रिटनी अब अपने परिवार के सदस्यों को अपने बच्चों से मिलने नहीं दे रही हैं। इस सूत्र ने कहा, "ब्रिटनी की मां को अब यह देखना है कि जेमी लिने और उसके आने वाले बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहे।" अंग्रेजी पॉप गायिका ब्रिटनी स्पीयर्स की 16 वर्षीय बहन जेमी लिन्न स्पीयर्स गर्भवती हैं। टेलीविजन धारावाहिक ‘जोए 101’ में स्कूली छात्रा का किरदार निभाने वाली जेमी तीन महीने से गर्भवती हैं और उन्होंने निर्णय लिया है कि वह इस बच्चे को जन्म देंगी।
सौजन्य- जोश
I M P O R T A N T W A R N I NG !
Why every body is afraid of Modi ?
Sabhi Rangkarmiyaon ka abhaar
Welcome to New Media: How to go about doing Citizen Journalism itself
स्वागत है विक्रम कपूर जी.........
दोस्तों, रंगकर्मी का सफर लगातार जारी है। हमारे इस काफिलें मे हर रोज़ देश के अलग-अलग स्थानों से लोग जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी मे रंगकर्मी के तीसवें सदस्य के रुप मे हमारे साथ जुड़ा है एक ऐसा नाम जो न्यूज़ टेलीविज़न की दुनिया मे किसी परिचय का मोहताज नही है। हम सभी रंगकर्मी स्वागत कर रहे हैं विक्रम कपूर जी का। विक्रम जी को जो लोग नही जानते मैं उन्हे याद दिलाना चाहता हूँ। देश के टेलीविज़न को नई दिशा देने वाले उस कार्यक्रम की जिसने जुल्म की दुनिया मे कोहराम मचाया। मैं बात कर रहा हूँ "इन्डियाज़ मोस्ट वान्टेड़" की। इस कार्यक्रम के निर्माता सुहेब इलियासी थे। लेकिन इस कार्यक्रम की प्रोड़क्शन यानि कि इसे बनाने का काम अन्जाम दिया विक्रम कपूर जी और उनकी टीम ने। इसके बाद उन्होने पीछे मुड़कर नही देखा। टीवी जर्नालिज़्म के रास्ते पर उनका सफर आज भी बाखूबी जारी है। उम्मीद है सभी साथियों को समय-समय पर उनके अनुभव से कुछ ना कुछ सीखने को ज़रुर मिलेगा। रंगकर्मी पर विक्रम जी की पोस्ट आप विक्की के नाम से पढ पायेगें। एक बार फिर विक्रम जी का स्वागत..........Nice Effort
Friday, December 21, 2007
मेरी खबर डॉट कॉम आपके लिए
यदि आपकी कोई न्यूज या लेख किसी समाचार पत्र में जगह नहीं पाता है तो आपको निराश होने की जरुरत नहीं है। देश में एक ऐसा पोर्टल भी है जो कि सामान्य आदमी की न्यूज और लेख को अपने पोर्टल पर स्थान देता है। जी हां मैं बात कर रहा हूं मेरी खबर डॉट कॉम की। यह पोर्टल हिन्दी के अलावा अंग्रेजी में भी है जिसका नाम है मेरी न्यूज डॉट कॉम। बस फिर क्या है अपनी की बोर्ड पर आज से ही लिखना शुरु कर बेब पोर्टल पर अपने नाम से न्यूज डालिए। है न मजेदार खबर। अधिक जानकारी के लिए आप मेरी खबर के संपादक वेदगिरी जी को उनके सेल नं 09826169126 या vedvgiri@gmail.com पर भी ई मेल कर सकते हैं
Thursday, December 20, 2007
शोक संवेदना
Interesting Comments
To Make A Laugh
Wednesday, December 19, 2007
एक दुखद समाचार
Arz kiya hai doston............
Tuesday, December 18, 2007
मेल के खेल! सावधान!!
बैंक की ओर से एक ई मेल आई हुई थी। ईमेल में कहा गया है कि---
जिस बैंक के नाम से इसने मुझे ईमेल भेजी
मैं समझ गया कि ये किसी हैकर की करामात है, और
इस पते से आई है। Agence des Medias Numeriques
अब आपको कम्प्यूटर को बताना है कि आप कौन हैं और कहां ईमेल भेजनी है॥
उपरोक्त ईमेल में आप जो चाहे लिख कर भेज सकते हैं जिसे चाहें जिस
भी किसी आईडी से चाहें मेल भेजी जा सकती है। जिस भी
कम्प्यूटर से आप कनेक्ट करेंगे वो सामान्यत: एक ही भाषा का प्रयोग करते हैं
किंतु फ़िर भी दिखने में शायद भिन्न हो सकते हैं, और किसी भी
क़ैद
Monday, December 17, 2007
ज़िंदगी की एक और दोपहर बीत गई
Saturday, December 15, 2007
what a call ?!
Friday, December 14, 2007
बोलती तस्वीर.... ख़ामोश दर्द.......
इस तस्वीर को Pulitzer Prize से नवाज़ा जा चुका है। दिल दहला देने वाली ये तस्वीर केविन कार्टर नाम के एक जाने-माने फोटोग्राफर की है। उन्होने ये तस्वीर 1994 मे सूड़ान के भुखमरीग्रस्त इलाके से ली थी, जहां से कुछ दूर यूनाईटेड़ नेशन का फूड़ कैम्प लगा था। इस तस्वीर मे एक बच्चा भूख से बेहाल है और ठीक उसके पीछे बैठा एक गिद्ध उसके मरने का इन्तज़ार कर रहा है ताकि वो उसे अपना भोजन बना सके। इस बच्चे का क्या हुआ ये तो पता नही। लेकिन इस हकीकत को तस्वीर में उतारने वाले केविन से वो नज़ारा भूले नही भूला और उन्होने परेशान होकर तीन महीने बाद आत्महत्या कर ली। उनकी ये तस्वीर आपको कैसी लगी?
Do not....
Aren't we responsible for spoiling our children!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Thursday, December 13, 2007
मौत से मुलाकात
हिंसा की पाठशाला?
Wednesday, December 12, 2007
Thanx+First post from me
Thanx to Parvez Sagar for accepting my request for membership. It will be very unwise of me , if i don't thank Tulika, whose post "Bekar Haath" inspired me to contribute to "Rangkarmi". Thanx a lot, Tulika. I will try to publish the best posts to maintain the high standards.
I also blog at "http://alok12345.blogspot.com". Plz visit n comment
Here is first post from me, which i got in mail and touched my heart deeply:-
Pause and ponder
A man came out of his home to admire his new truck.
To his puzzlement, his three-year-old son was happily hammering dents into the shiny paint.
The man ran to his son, knocked him away, hammered the little boy's hands into a pulp as punishment. When the father calmed down, he rushed his son
to the hospital.
Although the doctor tried desperately to save the crushed bones, he finally had to amputate the fingers from both the boy's hands.
When the boy woke up from the surgery & saw his bandaged stubs, he innocently
said, "Daddy, I'm sorry about your truck."
Then he asked, "but when are my fingers going to grow back?"
The father went home and committed suicide.
Think about the story the next time you see someone spill milk at a dinner
table or hear a baby crying. Think first before you lose your patience
with someone u love.
Trucks can be repaired. Broken bones & hurt feelings often can't. Too often we fail to recognize the difference between the person and the performance.
ज़िन्दगी की धूप मे किसी का खो जाना............
रिश्ते और आधुनिकता ?
रिश्तों की डोर अब कानून के हाथ ?
Tuesday, December 11, 2007
आँखों का बाँध
न आया करो मेरे पास मैं क्यों और कौन क्या रखा मेरे पास चले जाओ यंहा से बस छाया घुप अँधेरा न कोई बस्ती न हस्ती न कोई किनारा यंहा मत आया करो, भर नैनो का कटोरा नहीं मिलती प्रेम भीख मुझे बहलाने से भी चले जाओ वर्ना टूट न जाये मेरे आँखों का बाँध कीर्ती वैद्य
एक छोटा सा जनगीत
Monday, December 10, 2007
हिन्दी काव्य के एक संघर्षशील युग का अन्त

रंगकर्मी परिवार










