Thursday, January 31, 2008
फ्रेंच फिल्मों ने मचाया मुंबई में धूम
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान जब कहते हैं कि यदि आप फिल्मों के बारें में कुछ सीखना चाहते हैं तो आपको फ्रेंच फिल्में जरुर देख्ाना चाहिए। यह काफी रचनात्मक होती हैं। फ्रेंच फिल्मों को लेकर शाहरुख खान की यह टिपणी एकदम सटीक है।
मुंबई की हल्की गुलाबी ठंड और फ्रेंच फिल्म फेस्टीवल, यदि दोनों एक साथ हो तो क्या बात है। मुंबई में पिछले दिनों चार दिवसीय इस फेस्टीवल के दौरान बड़ी तादाद में फिल्म प्रेमियों ने शिकरत कर , न सिर्फ इस फेस्टीवल के आयोजकों का हौसला बढ़ाया, बल्कि एक बार यह फिर से साबित कर दिया कि मुंबई वासी अच्छी फिल्मों के कितने कद्रदान हैं।
हिंदुस्तान में यह अपने आप में पहला फिल्म फेस्टीवल था कि जिसमें आई लगभग सभी फिल्मे भारतीय वितरकों को बेची जा चुकी हैं। बस इन्हें सिनेमा हाल में प्रदर्शित करने की देर है । आयोजकों का मानना है कि भारतीय सिनेप्रेमी फिल्मों के बहुत बड़े दिवानें है, यही कारण है कि फ्रेंच फिल्मों को देखने को लिए इतने बड़े पैमाने पर लोग उपस्थित रहे । इस फेस्टीवल में दिखाई गई अधिकतर फिल्मे नॉन हॉलीवुड की रहीं। आस्कर से नवाजी जा चुकी फिल्म क्रॉसड ट्रेक को भी भारतीय वितरकों ने हाथों हाथ लिया। फेस्टीवल में दिखाई गई फिल्मों में क्रॉस्ड ट्रेक्स, अजूर एंड असमा और कारामेल प्रमुख फिल्में रहीं । फ्रेंच फिल्मों का यह सफर 27 जनवरी से 30 जनवरी तक मुंबई में चलने के बाद एक से चार फरवरी के बीच बैगलोर और फिर सात से दस फरवरी के मध्य नई दिल्ली में चलेगा।यह फेस्टीवल फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी की दो दिन की भारत यात्रा से जुड़ा हुआ है।
फेस्टीवल के पहले दिन फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को फ्रांस के राजदूत जेरम बोनाफोंट ने फ्रांस के शीर्ष सांस्कृतिक पुरस्कार ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स’ से नवाजा गया । शाहरुख को उनके श्रेष्ठ करियर तथा सिनेमा के माध्यम से भारत फ्रांस सहयोग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया। शाहरुख खान के अलावा अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, ज्योर्ज क्लूनी, क्लाइंट ईस्टवुड, मेरिल स्ट्रीप, ब्रूस विलिरु तथा जुडला को यह अवार्ड दिया जा चुका है।
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