दोस्तों, नए साल की हार्दिक बधाइयां।
उम्मीद है कि नये साल में आपके सभी सपने पूरे होंगे और आप कामयाबी की नई बुलंदियों को छुएंगे। छायावादी कवि निराला जी की लिखी एक प्रार्थना जो कई साल पुरानी है लेकिन फिर भी नई है। इसके एक-एक शब्दों में नई अनुभूति है। नए साल में मैं यही प्रार्थना करता हूं।
वर दे वीणा वादिनी वर दे।
प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव भारत में भर दे।
काट अंघ उर के बंधन स्तर।
बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर।
कलुष भेद तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे।
वर दे वीणा वादिनी वर दे।
नव गति नव लय ताल-छंद नव,
नवल कंठ नव जलद मंद रव।
नव नभ के नव विहग वृंद को,
नव पर नव स्वर दे।
वर दे वीणा वादिनी वर दे।
वर दे वीणा वादिनी वर दे।
अमित कुमार मिश्रा, सीएनईबी।
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2 comments:
मित्र अमित आपको भी आंग्ल नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
आपके सत्य वचन को मेरा सादर नमन और वीणा की देवी को क्षमा के साथ नई ज़माने की वर दे वीणा वादिणी वर दे।
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
करना हो पत्रकारिता,तो कलम धर दे,
बढना हो आगे तो जोरू या ज़र दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
खबर की कामना नहीं,मुझे सांप या अजगर दे,
नभ ज़मीन का नहीं तो,जल की मछली मगर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
अज्ञानी कर रहे राज,मुझे भी अज्ञानता का वर दे,
अच्छाई रखें आप,मुझमें कमीनापर,नीचता भर दे
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
माते है मेरा निवेदन जोश मुझमें ऐसा भर दे,
पकडूँ मै गरदन नेता की,तलवार तू धर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
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