Tuesday, January 1, 2008
नयी आराधना
समस्त सुधिजनो को भी आंग्ल नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
आपके सत्य वचन को मेरा सादर नमन और वीणा की देवी को क्षमा के साथ नई ज़माने की आराधना
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
करना हो पत्रकारिता,तो कलम धर दे,
बढना हो आगे तो जोरू या ज़र दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
खबर की कामना नहीं,मुझे सांप या अजगर दे,
नभ ज़मीन का नहीं तो,जल की मछली मगर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
अज्ञानी कर रहे राज,मुझे भी अज्ञानता का वर दे,
अच्छाई रखें आप,मुझमें कमीनापर,नीचता भर दे
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
माते है मेरा निवेदन जोश मुझमें ऐसा भर दे,
पकडूँ मै गरदन नेता की,तलवार तू धर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
वर दे वीणा वादिणी वर दे,
अनुराग अमिताभ
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6 comments:
Wow! Tahnks Anurag ji. At least u have the gurtz to say the truth about media today. Really good slap on fouled journalism today.
Looking forward for more truths from u.
Garima..........
Wow! Tahnks Anurag ji. At least u have the gurtz to say the truth about media today. Really good slap on fouled journalism today.
Looking forward for more truths from u.
Garima..........
Great! Anurag sir, really i apprecitate ur effort to say the truth in the form of poetry. And ofcourse, truth is bitter. Your pen shows the real aspect of todays journalism.
Great! Anurag sir, really i apprecitate ur effort to say the truth in the form of poetry. And ofcourse, truth is bitter. Your pen shows the real aspect of todays journalism.
Amit Mishra, CNEB.
सर
अपनी बेबाक बयानी को इसी तरह जारी रखें और हमारे हौसले बुलन्द करते रहें।
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