रंगकर्मी परिवार मे आपका स्वागत है। सदस्यता और राय के लिये हमें मेल करें- humrangkarmi@gmail.com

Website templates

Thursday, June 25, 2009

लो क सं घ र्ष !: अब चेतन सी लहराए...

शशि मुख लहराती लट भी, कुछ ऐसा दृश्य दिखाए। माद्क सुगन्धि भर रजनी, अब चेतन सी लहराए॥ मन को उव्देलित करता, तेरे माथे का चन्दन। तिल-तिल जलना बतलाता तेरे अधरों का कम्पन ॥ पूनम चंदा मुख मंडल, अम्बर गंगा सी चुनर। विद्रुम अधरों पर अलकें, रजनी में चपला चादर॥ -डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही'

No comments:

सुरक्षा अस्त्र

Text selection Lock by Hindi Blog Tips