रंगकर्मी परिवार मे आपका स्वागत है। सदस्यता और राय के लिये हमें मेल करें- humrangkarmi@gmail.com

Website templates

Monday, June 22, 2009

लो क सं घ र्ष !: सुंदर सी, सुन्दरता

है राग भरा उपवन में, मधुपों की तान निराली। सर्वश्व समर्पण देखूं फूलो का चुम्बन डाली॥ स्निग्ध हंसी पर जगती की, पड़ती कुदृष्टि है ऐसी। आवृत पूनम शशि करती, राहू की आँखें जैसी॥ उपमानों की सुषमा सी, सौन्दर्य मूर्त काया सी। प्रतिमा है अब मन में सुंदर सी,सुन्दरता सी॥ -डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ''राही''

No comments:

सुरक्षा अस्त्र

Text selection Lock by Hindi Blog Tips