रंगकर्मी परिवार मे आपका स्वागत है। सदस्यता और राय के लिये हमें मेल करें- humrangkarmi@gmail.com

Website templates

Sunday, June 7, 2009

बरसात तू रुक क्यों नहीं गई

कोई जवाब है क्या मां तो मां है ! एक बार बरसात में भीगा हुआ मैं घर पहुँचा। भाई बोला, छाता नहीं ले जा सकता था। बहिन ने कहा, मुर्ख बरसात के रुकने तक इन्तजार कर लेता। पापा चिल्लाये, बीमार पड़ गया तो भागना डॉक्टर के पास। सुनता ही नहीं। मां अपने आँचल से मेरे बाल सुखाते हुए कहने लगी, बेवकूफ बरसात, मेरे बेटे के घर आने तक रुक नहीं सकती थी। क्यों है कोई जवाब। यह सब मेरे एक शुभचिंतक ने मुझे मेल किया है। उनका दिल से धन्यवाद।

सुरक्षा अस्त्र

Text selection Lock by Hindi Blog Tips