रंगकर्मी परिवार मे आपका स्वागत है। सदस्यता और राय के लिये हमें मेल करें- humrangkarmi@gmail.com

Website templates

Friday, February 15, 2008

ये कैसी पत्रकारिता ...?

आज सुबह जब मैं अपने ऑफिस पहुँचा ... मैंने देखा की एक न्यूज़ चैनल ज़ोर -ज़ोर से चिल्ला रहा था कि शाहरुख खान का क्रेडिट कार्ड चोरी हो गया ... ब्रेकिंग न्यूज़ - तीन लोग हिरासत में । ..... मुझे समझ में नही आ रहा है कि हमारे वरिष्ठ पत्रकार क्या जताना चाहते हैं ..... या तो अपनेआप को सर्वोपरि मान चुकें हैं ... या तो दिमागी रूप से दिवालिया हो चुकें हैं ? मैं जहाँ भी जाता हूँ ..... लोगों को यह कहते हुए पाता हूँ कि पत्रकारिता मदारियों का समूह है। आज कोई भी समर्पित पत्रकार अपने को पत्रकार बताना नही चाहता है ? यही दशा रहा तो आने वाले समय में पत्रकारों की जो दशा होगी .... उसकी कल्पना आज की परिदृश्य से लगाया जा सकता है ।

1 comment:

Asha Joglekar said...

सच कहते हैं आप आज पत्रकारिता बाजारू हो गई है, पर कहीं न कहीं सके लिये हम भी दोषी हैं । क्यूं हम celebrities की छोटी बडी बातों को इतने चाव से देखना चाहते हैं । क्यूं हमारे लिये वह हमारी जिंदगी से जुडी समस्याओं से महत्वपूर्ण हो जाता है ?

सुरक्षा अस्त्र

Text selection Lock by Hindi Blog Tips