Sunday, February 24, 2008
बुंदेलखंड
आज शाम से ही
कुछ बेचैन सा था
अक्सर ही करता रहता हूँ
रिक्शे वालों का साक्षात्कार
जब वो मुझे एक स्थान से
दूसरे स्थान तक ले जाते हैं
इस बीच ज्यादातर रिक्शेवाले
बुंदेलखंड के निकले
कुछ तीन साल से आए हैं
कुछ एक साल से
और कुछ दो महीने पहले
आज जो रिक्शेवाला मिला
दो महीने पहले ही महोबा से आया है
मैंने पूछा सुना है वहां सूखा पड़ा है
उसने बोला पिछले कई सालों से
इसलिए ही तो यहाँ चला आया हूँ
बीस बीघे की खेती है
पर चार सालों से पानी के इंतजार में
खेत सूखा पड़ा हुआ है
लोग काम की तलाश में
बाहर जा रहे हैं
कईयों ने तो क़र्ज़ चुकाने के बजाय
आत्महत्या का रास्ता अपनाया है
दें भी तो कहाँ से दें
मैंने पूछा सरकार क्या कर रही है
उसने बोला कुछ नही
उसके बाद से ही बेचैन हूँ
गुस्सा भी उमड़ आता है
जनता हूँ कि बुंदेलखंड का सूखा
और इससे उपजी आग पर
चुनावी पार्टियाँ अपनी रोटियां पकाएँगी
अपनी ज़िम्मेदारी से बचते हुए
एक दूसरे पर आरोप लगाएंगी
दरअसल समस्या को सुलझाने का
ये उनका अपना तरीका है
और इसमे उनकी आपसी सहमति भी है
कुछ सलाह भी आए हैं
मसलन बुंदेलखंड को अलग राज्य बनने का
लगता है पिछले कई सालों के सूखे पर
नज़र सिर्फ़ इसलिए नही पड़ी
कि उत्तरप्रदेश एक बड़ा राज्य है
लगातार किसानों की आत्महत्या की खबरें
सिर्फ़ इसलिए नही पढ़ पाए
क्यूंकि उत्तरप्रदेश की जनसंख्या बहुत ज्यादा है
और हर जिले में रोज कोई न कोई तो
ज़िंदगी से मुक्ति का रास्ता
फंदे से झूलकर या सल्फास निगलकर
खोज लेता है
अब इतने बड़े राज्य में
जिसकी जनसंख्या सोलह करोड़ से ज्यादा है
किस किस का हाल जाने
और किस किस के मर्ज़ का इलाज करें
अलग राज्य बनाने की अलाप
अपने अपने सुर में कई पार्टियों ने उठाई है
लगातार आती मौत की ख़बरों के बीच
बड़े पैमाने पर होते पलायन के बीच
बड़ी दूर की सोच रखती हैं पार्टियाँ
खली पेट जो घंटों से सभा स्थल पर खड़े हैं
उन्हें उपदेश पिलाते हुए
कि हम आपके दुःख दर्द में साथ हैं
एक अलग राज्य की आपको ज़रूरत है
थके हारे बेदम पैर शाम को घर पहुँचते हैं
बुझे हुए चूल्हे को देखते हुए
परेशान दिमाग सोचता हुआ सा
अगर बैंक , साहूकार की जिल्लत से
सुबह शाम पेट की भूख से
अलग राज्य के लिए जो कमीशन बनाया जाएगा
उसकी सिफारिशें आने और लागू होने तक
हम ख़ुद को बचाए रख सके
तो हमारा भविष्य उज्जवल है ।
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2 comments:
jo sachha hai vah achcha hai !
bahut badhiya.... ye bharat ki zamini hakikat hai... plz keep it up...
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