Wednesday, February 13, 2008
कहाँ है देश ....?
महाराष्ट्रा में हो रहे आतंक से तो सभी लोग परिचित ही होंगे... उत्तर भारतीय उनके आंखों का कांटा बने हुए हैं.... राज अपने राजनीति की रोटी सेंकने के लिए तवा गरम करने का प्रयास कर रहे हैं ... राजनेताओं में वाक् युद्ध चल रही है । मुलायम , मायावती , लालू , रामविलास पासवान तथा अन्य उत्तर भारतीय नेता गण तथाकथित रहनुमा बने हुए है .... संविधान की बात करें तो सभी भारतीय नागरिक को अबाध रूप से देश के किसी भी कोने में घुमाने , रहने , व्यवसाय कराने तथा संगठन बनाने के लिए अनुमति देता है । लेकिन संविधान को कौन मानता है ? नैतिक कर्तव्य को कौन मानता है , कानून तो हाथ में रहता है ...जिसको जैसे मर्जी इस्तेमाल कर रहा है .... किसी पर कोई लगाम नही है ?
राज जो कर रहें है वह ठीक नही है ... लेकिन प्रश्न उठता है कि उत्तर भारतीय नेता अपने प्रदेश में क्या कर रहे हैं .... ? जातिवाद का ज़हर घोल कर लोगों को आपस में लड़ा रहें है...... जाति पर आधारित राजनीति कर रहे है .... धर्म और जाति नेताओं का चुनावी मुद्दे होतें हैं... विकास का मुद्दा नगण्य होता है ..... सामाजिक सरोकारों की तिलांजली चढाना इन नेताओं की नियती हो गई है.... सत्ता पाने के पहले और सत्ता पाने के बाद की स्थिति में कोई अन्तर नही होता है...
महाराष्ट्र हो चाहें उत्तर प्रदेश ,बिहार या बंगाल हर जगह किसान आत्महत्या कर रहें हैं ... लेकिन कोई भी राजनेता इन मुद्दों को नही उठाता है... ? हमारा देश विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है... विकास दर
8 प्रतिशत से ऊपर है... हम आधुनिकता का चोला ओढे अपने मुँह मिया मिठ्ठू बन रहें हैं .... लेकिन वास्तविकता कुछ और है ..जो देश वाशियों से छुपा नही है ... भ्रष्टाचार , बेरोजगारी , अशिक्षा , भूखमरी आज भी हमारे देश की पहचान बनी हुई है । पता नही देश का भविष्य क्या होगा ? जातिवाद , धर्मवाद , क्षेत्रवाद , भाषावाद रूपि नाग को ये नेतागण कबतक दूध पिलाते रहेंगे ? आज हर आम भारतीय नागरिक इस सोच में है की कहाँ है हमारा देश ?
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1 comment:
sahi mudda uthaya hai paney....sach kab tak humarey pratinidhi jatibaad ko bhuna apni rotiya kab tak skengey
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