Thursday, February 14, 2008
वेलेन्टाइन दिवस
ये दिन है सुर्ख गुलाबों का
ग्रीटिंग्ज का और चॉकलेटों का
दिल की बातों को कहने का
मन भावन के संग रहने का ... हो हो हो हो
आज जोडियाँ मिलतीं है भैया
नही चढता कोई भी सीढियाँ
उडते हैं सब अस्मानों में
पाँव टिकते नहीं मैदानों में...
दिलवर के लिये दिलदार हैं ये
दुश्मन के लिये भी प्यार हैं ये
यहाँ मेले ठेले लगते हैं
और प्यार के प्याले छलकते हैं
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2 comments:
bahut badhiya aashaji ek dam sahi kaha.
nery nice......humey aapny kisi ke yaad dila de....kher payar hota he asa hai
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