Saturday, November 29, 2008
शहीद हूँ मैं .....
दोस्तों , मेरी ये नज़्म , उन सारे शहीदों को मेरी श्रद्दांजलि है , जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर , मुंबई को आतंक से मुक्त कराया. मैं उन सब को शत- शत बार नमन करता हूँ. उनकी कुर्बानी हमारे लिए है .
शहीद हूँ मैं .....
मेरे देशवाशियों
जब कभी आप खुलकर हंसोंगे ,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
जो अब कभी नही हँसेंगे...
जब आप शाम के अपने
घर लौटें ,और अपने अपनों को
इन्तजार करते हुए देखे,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
जो अब कभी भी मेरा इन्तजार नही करेंगे..
जब आप अपने घर के साथ खाना खाएं
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
जो अब कभी भी मेरे साथ खा नही पायेंगे.
जब आप अपने बच्चो के साथ खेले ,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
मेरे बच्चों को अब कभी भी मेरी गोद नही मिल पाएंगी
जब आप सकून से सोयें
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
वो अब भी जागते है ...
मेरे देशवाशियों ;
शहीद हूँ मैं ,
मुझे भी कभी याद कर लेना ..
आपका परिवार आज जिंदा है ;
क्योंकि ,
आज मैं नही हूँ....
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4 comments:
sorry, hamare pas time nahi hai. neta hote to baat karte. narayan narayan
shahid ko koi kabhi nahi bhulta,har insaan jo shahid hua hai usko hamara naman.
ye unki shahadat hai yaa unhe bali chdha diya gaya apne rajnaitik hiton ke liye
kavita ke liye shukriyaa...
उनकी जाँ बाजी़ के वजह से ही हम यूं शांती से ब्लॉग लेखन कर पा रहे हैं । शहीदों को शत शत नमन ।
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