Friday, November 28, 2008
कितनी अजीब बात है
कितनी अजीब बात है , बॉम्बे में धमाके न हुए जैसे सब को अपने अपने ब्लॉग पर लिखने का सामान मिल गया और इस में हम भी शामिल है ,इस बात से इनकार नही कोई आक्रोश करता है ,कोई हमदर्दी ,कोई शहीदों पर ताने कसता है ,कोई सरकार को गाली देता है क्या है ये सब ? सब को हक़ है अपने ब्लॉग पर अपने विचार रखने का मगर खुदा के लिए किसी शहीद का मजाक न बनाये हो सके उसके घर जाके सांत्वना दे कुछ निधि जमा करिएँ जिससे के उनके घरवालों को मदत मिले ली होगी किसी शहीद ने रिश्वत अ नही भी ,वो लाख बुरा इंसान सही ,मगर वो आज खून से धुला है अपनी जान दी है उसने देश के लिए
हम सब के लिए हम में तो हिम्मत नही है न की गोली चलाये या गोली का सामना करे फिर जो ये कर सके उसका आदर तो हो
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4 comments:
बिल्कुल सही बात है।
aapse sahmat hun mai.
sehmati ke lie shukriya.
Badhai Mahak.jo Baat aap ne yanha kahi hai wo ek aisa sach hai jo kisi ke kuchh bhi kahne ya sunne se badla nahi ja sakta. Hum salaam karte hain un logon ko jinhone is humle me apni jaan balidaan kar di.
pichhle kafi samay aap Rangkarmi par mahi dikh rahi thi lekin aap ki wapsi shaandar hai.
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