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Monday, August 17, 2009

लो क सं घ र्ष !: निर्जीव बीज यदि है तो...

निर्जीव बीज यदि है तो- अंकुर कैसे उग आता? लघु या विशाल संबोधन यह समझ नही मैं पाता हो समष्टि , स्वर्ग, पाताल या दिग-दिगन्त के पट में है एक शक्ति तो निश्चित, अनवरत प्रवासी घट में प्रतिपल जीवन समझाता, है डोर किसी के कर में रोदन या हास वही तो, देता प्रत्येक अधर में डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही'

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