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Tuesday, August 4, 2009

एक मंदिर, जहां मुस्लिम भी करते हैं पूजा

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में भगवान शंकर का एक ऐसा मंदिर है जहां के भक्तजनों में मुस्लिम भी शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग यहां न सिर्फ प्रार्थना में भाग लेते हैं बल्कि हर त्योहार पर बढ़-चढ़कर दान भी देते हैं। रामपुर के बमभरुआ गांव में यह पातालेश्वर मंदिर स्थित है। इस गांव की आबादी 3,500 है लेकिन इनमें 95 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं। खास बात यह है कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बने इस मंदिर के लिए गांव के ही एक मुस्लिम नागरिक रजा अली खान ने अपनी जमीन दान की थी। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलजुलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसी गांव के निवासी और किसान नेता हबीब अहमद (60) ने कहा, "हम अपने यहां इस मंदिर को लेकर गौरवान्वित और सम्मानित महसूस करते हैं जो सामाजिक सौहार्द और भाईचारा फैलाता है।" इस मंदिर में होने वाली ‘आरती’ और दूसरे रिवाजों में भी मुस्लिम समुदाय के लोग शिरकत करते हैं। यह लोग भी हिंदू भक्तजनों की तरह कतार में खड़े होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस इलाके में एक मेडिकल स्टोर चलाने वाले गुड्डू खान का कहते हैं, "यह मंदिर असलियत में गंगा-जमुना तहजीब को रेखांकित करता है।" इस मंदिर में भगवान शंकर की चार फुट ऊंची मूर्ति और शिवलिंग है। यहां हर सुबह हिंदू और मुस्लिम मिलकर मंदिर की सफाई करते हैं। इसके बाद ही यहां पूजा आरम्भ होती है। यहां हर हिंदू पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग भंडारे यानी गरीबों को भोजन कराने के लिए चंदा इकट्ठा करते हैं। गांव के निवासी रईस अहमद कहते हैं, "मुस्लिम भक्त भंडारे के लिए दान देते हैं। कुछ लोग नगदी देते हैं तो कुछ अनाज, फल और सब्जियां देते हैं।" रईस का कहना है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित भंडारे में सिर्फ गांव के लोग ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में रहने वाले सभी धर्मो के लोग शिरकत करते हैं। (इंडो-एशियन न्यूज सर्विस)

8 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर जानकारी के लिए धन्यवाद. यही है असली भारत व इसकी शक्ती...भगवान करे इस बात का पता नेताआें को न चले.

अर्चना तिवारी said...

वाह ऐसा ...बहुत खूब...

हेमन्त कुमार said...

विशिष्ट एवं रोचक जानकारी।

shama said...

'कुदरत ने तो बक्शी थी हमें एकही धरती ,हमने कहीं भारत कहीँ इरान बनाया , जो तोड़ दे हर बंध वो तूफ़ान बनेगा , इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा ..'ये अल्फाज़ याद आ गए ..!

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shama said...

" कुरआन ना हो जिस में वो धरम तेरा नही है ,
गीता ना सिखाये वो हरम तेरा नही है ..!"
जीता जगता उदहारण दे दिया आपने .पिछली टिप्पणी में ये लिखना रह गया था ..

Asha Joglekar said...

Bahut achcha laga ye padh kar. iseese banta hai Rashtra.

डिम्पल मल्होत्रा said...

aisa lekh news paper me dena chihye..jyada log pad sake......

अरविन्द श्रीवास्तव said...

रंगकर्मी पर आना अच्छा लगा, मधेपुरा से हूँ , इसलिए भी ......

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