आज कल लगभग सभी न्यूज़ चैनल्स पर मुंबई के गणपति उत्सव की धूम रहती है। इनमें लाल बाग के राजा वाले गणपति बप्पा की पूछ सबसे अधिक है। बताते हैं कि वहां लाखों लोग गणपति के दर्शनों को आते हैं। चलो अच्छी बात है। किसी को कहीं जाकर मन की शान्ति मिलती है,उसके बिगडे काम बनते हैं,रुके हुए काम होते हैं,तो इस में बुरा क्या है। गणपति राजा के पास फिल्मी सितारे भी आते हैं। बस उनके आते ही चैनल वालों को पता नहीं क्या हो जाता है कि वे गणपति को भूल कर उन्हें दिखाने लगते हैं। तब लाल बाग का राजा इन सितारों के सामने राजा नहीं रहता। सितारे के हर कदम को चैनल को इस प्रकार से दिखाते हैं जैसे वह सितारा गणपति के दर्शन करने नहीं,गणपति बाबा को दर्शन देने आया हो। एक तरफ़ तो गणपति को लाल बाग का राजा कहा जाता है। दूसरी तरफ़ सितारों के सामने राजा को कोई तवज्जो नहीं दी जाती। ठीक है फिल्मी सितारों का अपना महत्व है मगर ये भी तो सच है कि गणपति के दरबार में सब बराबर होते हैं। गणपति बप्पा किसी में कोई भेद नहीं करते। किंतु न्यूज़ चैनल वाले जो न करवा दे वही कम। इस में कोई संदेह नहीं कि न्यूज़ चैनल्स के कारण ही गणपति उत्सव महारास्ट्र से निकल कर देश भर में धूम मचने लगा है। भारत पाक सीमा पर बसे श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर कई स्थानों पर गणपति की स्थापना होती है। हमारे परिवार के लोग कभी मुंबई नहीं गए,इस के बावजूद हम गत तीन साल से गणपति की स्थापना करते आ रहें हैं। हम कोई इसका विधि विधान भी नहीं जानते। जैसा टीवी और अख़बारों में आता है वैसा कर लेते हैं।
किसी भी ख़बर में अगर मूल तत्व ही पीछे धकेल दिया जाए तो फ़िर वह ख़बर नहीं कुछ और ही हो जाता है। ठीक है फिल्मी सितारों को दिखो मगर उनके सामने लाल बाग के राजा को छोटा मत करो, उसका महत्व न घटाओ। बाकी आपकी मर्जी हमारे कहने से तो कुछ होने वाला नहीं। क्योंकि बाजार में तो जो दिखता है वही बिकता है। कुछ कहा हो तो गणपति बप्पा और न्यूज़ चैनल वाले दिल पर न लें।
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2 comments:
electronic media aur filmi stars kaa jamghat dekh kar kahnaa padtaa hai ki BHAGWAN HAI
"sahi kaha hai aapne janab ....filmi sitare ....aur ganesh ji ...."
" hamare blog per kabhi kabhi darshan to diya karo "
-----eksacchai {AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
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