"शब्दों की वादियाँ"
शब्दों की वादियों मे
विचरता ये मन ,
खोज रहा कुछ ऐसे कण ,
जो सजा सके मनोभावों को,
चाहत के सुंदर साजों को,
लुकती छुपती अभिलाषा को,
नैनो मे दुबकी जिज्ञासा को,
सिमटी सकुचाई आशा को,
निश्चल प्रेम की भाषा को,
शब्दों की वादियों मे
विचरता ये मन ,
खोज रहा कुछ ऐसे कण............
3 comments:
आपके कविताई सोच का मै कायल हूं । लेखनी में आपका सानी नही है । जरूर लिखते रहिए । मेरे ब्लांग पर भी आए
narayan narayan likhane se pahale ek lamba thanda saans liya
सीमा जी बहुत ही सुंदर रचना ।
Post a Comment