हद है! अब ब्लॉग पर भी चोरी होने लगी ।मामला ताजा है , फरवरी २००८ में ही कृत्या मॆ धूमिल पर एक आलेख छपा था, लेखक थे जाने माने कवि और आलोचक भाई सुशील कुमार। अब इसी को शब्दशः चुरा कर मुकुन्द नामक व्यक्ति ने कालचक्र पर छाप दिया है। यहाँ तक कि क़ोटेशन भी वही है।यह ब्लाग की मस्त कलन्दरी दुनिया को गन्दा करने वाला प्रयास है। इसकी लानत मलामत की जानी चाहिये।सबूत के लिये यहाँ
दोनों लिन्क दे रहा हूँ ।http://www.kritya.in/0309/hn/editors_choice.html इस पर सुशील जी का आलेख फ़रवरी मे छपा।http://kalchakra-mukund.blogspot.com/2008/09/blog-post_5626.html इस पर है मुकुन्द जी का स्वचुरित लेख है।
फ़ैसला आप ब्लागर देश के नागरिकों का।
7 comments:
आजकल लोगों पर भरोसा करना मुश्किल है....पता नहीं , क्यों लोग ऐसा करते हें , जबकि नेट पर चोरी करना तुरंत पकड में आ जाता है.....सर्च करने पर तो तुरंत मिल जाता है...लेखक बीच बीच में अपने लेखों में प्रयुक्त कीवर्ड को सर्च करते रहें तो ऐसी चोरियां पकड में आ सकती हैं।
यह तो सीधे सीधे नँगाई ही है. हम केवल भर्त्सना कर सकते हैं. यदि कलाकार (आई.टी. के क्षेत्र में) तो उस ब्लॉग को ही उड़ा देते
http://mallar.wordpress.com
We should take some strong actions.
A writer do hard work and then Publish some things. And on the other hand Some people takes the credit.
At least They should give the Crdit there.
अन्कित जी
हमारी आपत्ति यही है। यहाँ कोई कापीराईट तो है नही फ़िर साभार तो लिखने मे क्या समस्या थी।साफ़ है कि खोट नीयत मे है।
वाकई बहुत ही शर्म की बात है.ऎसी घटनाऎं सिर्फ इसी लिए होती हैं कि आज इन्सान अपने आपको अपने गुणों/काबिलियत से बडा दिखाने की कौशिश करने लगा है.
नेट पर चोरी करना आसान काम है और चोर का पकड़े जाना भी बहुत आसान है. कम से कम श्रीमान चोर को "स्रोत साभार आदि" शब्दों को उपयोग करना चाहिए था. तब हमलोग कदापि "चोर" शब्द का इस्तेमाल न करते.
XXX सावधान XXX
chori ki jaankake dekar aap ne meri aakhe khol di mai aapne blog par taala laagaavooga ....
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