Thursday, September 25, 2008
दर्द
इस दर्द को जान लें अब हम
दर्द कितनी तरह का होता है
एक दर्द चोट का होता
एक दर्द मन का होता है ।
एक दर्द है पराया तो
एक दर्द अपना होता है ।
एक दर्द भूल जाता है
एक दर्द रिसता रहता है
एक दर्द छुरी सा है अगर
एक दर्द मीठा होता है ।
एक दर्द दूसरे का दिया
एक दर्द अपना देता है
एक दर्द की दवा होती
एक दर्द सदा रहता है
इस जिंदगी का दर्दों से
एक गहरा रिश्ता होता है
इस दर्द के बिना उसका
अस्तित्व कहाँ बचता है
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1 comment:
dard ke bina to jindgi ka ras nahi aa skta. or kisi ki yad ka dard to sukun deta hai.
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