जिसका डर था हो न जाए,
उसको अपने नाम ले लो...
कुछ नशा है उखडा उखडा,
आओ हम से जाम ले लो ...
गिर न जाएं देखना तुम ,
अपने हाथों थाम ले लो...
नाम मेरा क्या करोगी ,
आशिके बदनाम ले लो "
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4 comments:
नाम मेरा क्या करोगी ,
आशिके बदनाम ले लो "
bahut kuhb
regards
nahi hai koi bhee hamdard bad kar aankho se
jab ek roti hai to dusari bhee rotu hai
bahut khub.........lajwab
ऐक अच्छी गजल के लिये बधाई...
उसके चेहरे मे थी जो कशिश क्या हुई
क्यु बहार आज गुलशन में आती नही
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