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Monday, October 6, 2008

दलालों के चंगुल में

----- चुटकी------ क्षमा करना प्रभु जी पूछ रहा हूँ स खेद , आपके यहाँ भी क्यों होता है छोटे बड़े का भेद। ---प्रभु का जवाब कान खोल कर सुन लो ऐ बालक नादान जी दलालों के चंगुल में है अब तो भगवान भी । ----गोविन्द गोयल

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