Monday, November 26, 2007
ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के..............
"ले मशालें चल पड़ें हैं लोग मेरे गांव के, अब अन्धेरा जीत लेगें लोग मेरे गांव के" जनगीत की शक्ल मे गाऐ जाने वाली ये पंक्तियां हमारे लिये सार्थक रुप लेती जा रही हैं। हमारे इस काफिले मे कई नये साथी जुड़ रहे है। पहले सभी नये साथियों का स्वागत।
मैं एक बात सभी साथियों से कहना चाहता हुँ कि "रंगकर्मी" एक ऐसा मंच है जहां आप सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। आप सभी यहां पर रंगमंच ही नही बल्कि पत्रकारिता और सामाजिक मुद्दों पर लिख सकते हैं। सभी से एक अनुरोध और करना है कि जो लोग हिन्दी मे टाईप करना जानतें है वो सभी हिन्दी मे ही ब्लाग लिखने की कोशिश करें।
पत्रकारिता के क्षेत्र मे कदम रखने वाले नये साथियों को अगर किसी तरह की समस्या हो तो वो लोग भी इस ब्लाग पर बता सकतें है। हम और हमारे साथ जुड़ें कई वरिष्ठ पत्रकार साथी उनकी मदद करने की कोशिश करेगें। और अगर आपके पास कोई नई जानकारी या सुझाव हो तो उसे भी बतायें। आप हमें humrangkarmi@gmail.com पर मेल कर सकते है।
बाकी बातें बाद मे.............
परवेज़ सागर
http://www.rangkarmi.blogspot.com/
humrangkarmi@gmail.com
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
Valentine Flowers
Post a Comment