Wednesday, November 21, 2007
सभी के लिये है रंगकर्मी
प्रिय अंकित, मैं आपको बताना चाहता हुँ कि रंगकर्मी को एक साझा मंच बनाने की कोशिश की गयी है खासकर उन लोगों के लिये जो रंगकर्म से जुड़े रहे पर अब पत्रकारिता को अपना पेशा बना चुके है। हमारे कई साथी ऐसे है जिन्होने लम्बे लमय तक रंगमंच के लिये काम किया और बाद मे वो लोग पत्रकारिता से जुडे़। राजधानी और आस-पास के शहरों मे ऐसे पत्रकारों की एक लम्बी फेहरिस्त है जो थियेटर से जुड़े है या जुड़े रहे। बस उन सभी लोगों को एकजुट करने की कवायद है रंगकर्मी। लेकिन इसका मतलब ये नही कि केवल वो ही लोग इससे जुड़ सकते है। हमारे दूसरे ब्लाग भड़ास पर कई लोग ऐसे है जिनका पत्रकारिता से दूर-दूर तक कोई वास्ता नही है लेकिन वो लोग भड़ास पर लगातार अपनी रायशुमारी कर रहे है और वो भी अलग-अलग मसलों पर। हम जल्द ही रंगकर्मी पर नाटकों की समीक्षा और थियेटर से जुड़े कई पहलुओं पर काम शुरु कर रहे है।
परवेज़ सागर
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