आहट सुन वह डर गया
तेरे कुचे से निकल एक मुसाफिर किधर गया एक लम्हा गुजर गया
धुप में जलता बदन जरा सी छाँव को तलाशता मन पसीने से लथपथ दर - दर भटक कर
तुझे घर घर तलाशकर
एक मुसाफिर भटक गया एक लम्हा गुजर गयाकलाकारों एंव पत्रकारों का साझा मंच
Web counte from website-hit-counters.com . |
1 comment:
सुंदर .
Post a Comment