Friday, July 18, 2008
क्राइमग्राफ घटा लेकिन अपराध बढ़ा
दिल्ली पुलिस आयुक्त वाइ एस डडवाल कल मिडिया से मुखातिब हुए....मैसेज मिलते ही की आज पुलिस कमिश्नर पीसी करेगें... सभी मिडिया कर्मियों के दिमाग में सिर्फ एक ही बात आयी....शायद बाइकर्स गैंग पकड़ा गया..... सभी प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मिडिया अपने अपने तरीके से खबरो को पेश करने के लिए तैयारी में जुट गया....... पुलिस मुख्यालय में ओबी वैन की कतार लग गयी.... सबको इंतजार होने लगा २ बजने का........ पूरा कॉफ्रेंस हॉल ठसाठस भर गया.... कई चैनल से तो तीन-तीन लोग आए थे....सबने अपने लाइव की तैयारी भी कर ली..... दो भी बज गए......और फिर हॉल में आगमन हुआ दिल्ली पुलिस कमिश्नर का...........कैमरा रोल हुआ.......सबके पेन और डायरी लिखने के लिए खुले.......और कमिश्नर साहब बोले.........लेकिन ये क्या कमिश्नर साहब ने पीसी की शुरुआत में ही दिल्ली पुलिस के कामयाबी में कसीदे गढ़ने लगे....दिल्ली पुलिस ने ६० लाख रुपए के जेवर और नकदी की रिकवरी की...... हत्या गका मामला सुलझा लिया गया.......आठ बदमाश पकड़े गए........ जैसे कई तीन छोटे छोटे मामले का खुलासा किया........सभी को लगा कि शायद अब..... ब्रेकिंग न्यूज़ आएगा... बाइकर्स पकड़े गए....हर चैनल के वरिष्ठ पत्रकार भी लाइव फुटेज पर नज़रे गड़ाए हुए थे..... पौज़ लेने के बाद जैसे ही डडवाल जी ने दुबारा बोला.........और जो बोला वो सचमुच में ब्रेकिंग न्यूज़ था..... दिल्ली में क्राइम का ग्राफ कम हुआ है...... दिल्ली पुलिस ने 83फिसदी क्राइम को सुलझाया है....वेलडन दिल्ली पुलिस एक तरफ जहां पूरी दिल्ली दहशत में है.... हर एक आदमी के जहन में सिर्फ एक ही खौफ छाया हुआ है.... बाइकर्स गैंग के हत्थए हम न चढ़ जाए..... ऐसे में कमिश्नर साहब की ये वाहवाही किसी के भी पल्ले नहीं पड़ी..... एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि लोग बढ़े है... तो अपराध भी बढ़ा है... लेकिन उससे ज्यादा बढ़ा है उसको सुलझाने का ग्राफ.... अब कमिश्नर साहब काश ये समझ पाते कि दिल्ली वासी ग्राफ से नहीं अपराध से प्रभावित है....... खैर जो सोच कर सभी आये थे वो तो मिला नहीं.... हा ये सवाल ज़रूर सबके मन में उठा कि डडवाल जी को इन छोटे छोटे मामलो पर मिडिया से रुबरु होने की जरुरत क्यों पड़ी..... क्या दिल्ली को दहशत में देखकर पुलिस विभाग भी दहशत में आ गया.... या फिर मुख्यमंत्री के रिपोर्ट मागंने से पहले..... वाहवाही कर अपना कवच बनाने की चाहत थी......सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात तो ये थी कि जिस समय ये पीसी चल रीह थी..... उसी समय खबर आयी कि बवाना में एक व्यक्ति की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई.... और पीसी शुरु होने से पहले ..... अशोक विहार के सरकारी स्कूल में छात्रा के साथ बलात्कार की वारदात हो चुकी थी..... क्या वाहवाही के सुर में कमिश्नर साहब को अशोक विहार की वारदात पहले से नहीं पता थी........ शायद नहीं...... लेकिन सवाल अब भी वहीं है कि दिल्ल की जनता बेखौफ होकर सड़को पर कब घूमेगी.....कब ज़हन से ये डर मिटेगा कि हम शाम को घर सही सलामत वापस आ पाएंगे भी या नहीं.....दिल्ली पुलिस को लोगो के ज़हन से ये डर मिटाना होगा तभी सही मायने में क्राइम ग्राफ गिरेगा और अपराध भी.....................
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1 comment:
" very truely concluded, its reality of the dya, nice article"
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