प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों से १५ अगस्त को दिए जाने वाले प्रधानमंत्री के भाषण की मुख्या बातें पता चली हैं !!!
आप से साझा कर रहा हूँ !!!
प्रधानमंत्री के भाषण का सार :मेरे प्यारे देशवासियों ,मैं आप सभी को देश के ६१ वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूँ।हमने एक लोकतान्त्रिक देश के रूप में ६१ साल पूरे कर लिए हैं। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। और हमारी सरकार इसके लिए कृतसंकल्प है। आपने चार साल पहले सरकार चलाने के लिए जनादेश हमें सौंपा था। हमने आपको स्थिर सरकार देने का वायदा किया था। और उस वायदे पर हम पूरी तरह कायम हैं।कमबख्त वामपंथियों के समर्थन वापसी के बाद जो कदम हमने सरकार बचाने के लिए उठाये उसकी मिसालें आने वाली सदियों तक दी जाएँगी। साम,दाम,दंड,भेद भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। हमने उसी महान परम्परा का निर्वहन किया है। मैं लालकिले की इस प्राचीर से अमर सिंह को धन्यवाद देना चाहता हूँ। उनके इस अमूल्य योगदान के लिए भारत रत्न के लिए उनका नाम प्रस्तावित करता हूँ। मुझे खुशी है कि २२ जुलाई के लोकतान्त्रिक यज्ञ में उनकी तपस्या सफल हुई है। मैं उन सांसदों का अभिनन्दन करता हूँ जिन्होंने दिल कि आवाज़ सुनते हुए अपनी पार्टी व्हिप के विपरीत विश्वासमत के पक्ष में वोट दिया। हमारी सरकार ने देश इन की महान धरोहरों की मूर्तियों को विभिन्न चौराहों पर लगाने का निर्णय लिया है। ताकि हमारी आने वाली पीढियां इनसे सीख ले सकें। मैं आप सब को बताना चाहता हूँ हमारी सरकार ने तमाम क्षेत्रों में पिछली सरकारों से बेहतर प्रदर्शन किया है। देश की विकासदर ८ % के ऊपर है। महंगाई दर ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सभी तरह के सूचकांकों में हम पिछली सरकारों से बेहतर हैं। ब्याज दरें लगातार ऊंचाई की ओर बढ़ रही हैं। किसानों की आत्महत्या के आंकडे भी हमारे पक्ष में हैं। हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि अमेरिका के साथ होने वाली न्यूक्लिअर डील है। अब हम ऊँची लगत पर बिजली बनानें में सफल होंगे। इससे देशी विदेशी पूंजीपतियों को अकूत मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा । वो दिन अब दूर नही है जब मुकेश अम्बानी ( एवं अन्य ) दुनिया के सबसे बड़े धनकुबेर होंगे । उस दिन देश कितना गौरवान्वित महसूस करेगा। उससे भी ज्यादा जितना की आज अभिनव बिंद्रा के गोल्ड मैडल हासिल करने पर कर रहा है। और इसका श्रेय भी हमारी सरकार को जाता है। १९९१ में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई नई आर्थिक नीति ने निजी उद्यम को बढ़ावा दिया है। अभिनव बिंद्रा ने यह उपलब्धि भी अपने निजी उद्यम से हासिल की है। १९९१ में शुरू किए गए आर्थिक सुधर अब अर्थव्यवस्था के साथ खेलों में भी अपना योगदान कर रहे हैं। प्यारे देशवासियों हमारे पहले प्रधानमंत्री ने पंचायती राज का सपना देखा था। ताकि सत्ता का विकेंद्रीकरण हो सके। उनका सपना पूरा हुआ है। सत्ता के साथ ही दूसरी चीजों का भी विकेंद्रीकरण हुआ है। भ्रष्टाचार इसमें सबसे ऊपर है। हाँ ये सही है कि इसके प्रचार में समय लगा है। पर आज हम सबों ने इसे आत्मसात कर लिया है। गरीबी पहले से कम हुई है। विपक्षी दलों को यकीन न हो तो टी आर पी की दौड़ में सबसे ऊपर के तीन चैनलों को देख लें। कुल मिलकर हर मोर्चे पर देश आगे बढ़ रहा है। आगामी लोकसभा चुनावों में अगर आपका साथ रहा तो हम इसे और आगे ले जायेंगे। आज से भी आगे । पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ कर । इसी उम्मीद के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ।
जय हिंद
जय भारत
Purnendu Shukla
4 comments:
शुक्ला जी, स्वार्थ सिद्धि की राजनीति के हर हथकंडे के माध्यम से आपने सही बखिया उधेड़ी है कांग्रेस सरकार की। निजी उद्यम की मार्फत बिंद्रा और अंबानी की बराबरी पर सरकारी खिंचाई बहुत अच्छी लगी।
शुक्ला जी, स्वार्थ सिद्धि की राजनीति के हर हथकंडे के माध्यम से आपने सही बखिया उधेड़ी है कांग्रेस सरकार की। निजी उद्यम की मार्फत बिंद्रा और अंबानी की बराबरी पर सरकारी खिंचाई बहुत अच्छी लगी।
badhiya...bahut badhiya...kya silai kholi hai
हा हा हा !! बहुत बढिया कटाक्ष है| भारत रत्न के लिए यह योग्यता बिल्कुल फ़िट बैठती है|
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