Friday, August 15, 2008
ऱाखी
इस राखी को ग्रहण लगा आतंक-वाद का
पुकारती हैं माँएं बहने और कुछ भाई
याद करो उस वादे को निभाओ उसको
रक्षा करने की शपथ जो कभी तुमने खाई ।
रहो सतर्क हमेशा अपने आसपास से
रख्खो नजर कि इसकी उसकी मनषा क्या है
कौन है अपना और कौन पराया बनकर
ध्वंस की लीला का ही सपना देख रहा है ।
पूछो सवाल इस चुने हुए जन-प्रतिनिधि से
क्या उसके ही क्षेत्र से है ये हैवानी
कोई नही कुछ कर सकता है अगर
अपने ही घरवालों ने की आनाकानी ।
अगर बचाना है घर अपना, सतर्क तो हम सबको रहना ही होगा
और चुनाव से पहले इन उम्मीद वारों का कोई तो फैसला हमें ही करना होगा ।
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4 comments:
सादर अभिवादन
पहले तो हिन्दी ब्लोग्स के नए साथियों में आपका सहृदय स्वागत है
दूसरे आपकी सशक्त रचना के लिए आपको बहुत बधाई
चलिए आज मैंने अपने ब्लॉग पे एक गीत डाला है
परिचय के लिए उसकी कुछ पंक्तियाँ देखिये
और कुछ है भी नहीं देना हमारे हाथ में
दे रहे हैं हम तुम्हें ये "हौसला " सौगात में
हौसला है ये इसे तुम उम्र भर खोना नहीं
है तुम्हें सौगंध आगे से कभी रोना नहीं
मत समझना तुम इसे तौहफा कोई नाचीज है
रात को जो दिन बना दे हौसला वो चीज है
जब अकेलापन सताए ,यार है ये हौसला
जिंदगी की जंग का हथियार है ये हौसला
हौसला ही तो जिताता ,हारते इंसान को
हौसला ही रोकता है दर्द के तूफ़ान को
हौसले से ही लहर पर वार करती कश्तियाँ
हौसले से ही समंदर पार करती कश्तियाँ
हौसले से भर सकोगे जिंदगी में रंग फ़िर
हौसले से जीत लोगे जिंदगी की जंग फ़िर
तुम कभी मायूस मत होना किसी हालात् में
हम चलेंगे ' आखिरी दम तक ' तुम्हारे साथ में
आपकी सक्रीय प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में
डॉ उदय 'मणि'
http://mainsamayhun.blogspot.com
और हाँ बंधू , मैं भी पिछले काफी अरसे से ,रंगकर्म से भी जुडा हूँ , और रंगकर्मी भी हूँ
umkaushik@gmail.com
इस उत्तम रचना के लिए अभिवादन Mrs Asha Joglekar
प्रीती जी
आंसू ही सब कुछ होता है । जिसके पास यह आंसू होता है उसके पास तो शायद वह सब कुछ होता है जो औरों के पास नहीं होता । बहुत ही सुंदर कविता लिखी आपनें । धन्यवाद् !
सुंदर रचना के लिए धन्यवाद् ! इस राखी त्यौहार पर हर किसी को ही कुछ न कुछ करनें के लिए प्रेरणा देती है ।
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