Sunday, October 18, 2009
लो क सं घ र्ष !: अमेरिकन साम्राज्यवाद का खेल
पाकिस्तान के अन्दर काफ़ी दिनों से आतंकी घटनाएँ बढ़ रही है । आतंकवादियों ने सेना मुख्यालय से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री बेजनीर भुट्टो तक की हत्या कर दी है । अब वजीरिस्तान प्रान्त पर पाकिस्तानी सेना के 40 हजार जवान युद्घ के लिए भेजे गए है । मुख्य बात यह है कि तालिबान को अमेरिकी मदद से तैयार किया गया था और उनको तैयार करने में पकिस्तान की सरकार व आई एस आई के दिशा निर्देश थे । इस समय तालिबान के पास 2 लाख अमेरिकी हथियार है । जिसमें ए के सीरीज़ की राईफलें , रॉकेट लॉचर , ग्रेनेड , ई एल सी लाइट मशीन गन है । साम्राज्यवादी शक्तियों ने पहले धार्मिक कट्टरपंथियों को हथियारों से लैश किया और फ़िर ग्रह युद्घ की स्तिथि पैदा कर पूरे पकिस्तान के विकास को रोक दिया है । हमारे देश के अन्दर अमेरिकन साम्राज्यवाद और उसके पिट्ठू इजराइल का हस्तक्षेप बढ़ा है । माले गाँव से लेकर मुंबई आतंकी घटना तक साम्राज्यवादी शक्तियों का ही हाथ रहा है । एक तरफ़ धार्मिक कट्टर समूहों को पनपाने में मद्दद देने का कार्य साम्राज्यवादी शक्तियां शुरू से कर रही है । अभी दीपावली के अवसर पर गोवा में दक्षिण पंथी हिंदू संगठन सनातन' के सदस्य स्कूटर से बम ले जा रहे थे, विस्फोट हो गया और मारे गए । 4 सदस्य गिरफ्तार किए गए है उक्त कट्टर हिंदू संगठन का सम्बन्ध माले गाँव आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह से है । इन लोगो कि मंशा यह थी कि दीपावली के अवसर पर भीड़ वाले इलाके में विस्फोट करा कर आतंक का माहौल कायम किया जाए । साम्राज्यवादी शक्तियों की कोशिश है कि देश के अन्दर विभिन्न धार्मिक समूहो के कट्टरवादियों को उकसा कर प्रशिक्षण देकर लैश कर ग्रहयुद्ध जैसी स्तिथि कर दी जाए । साम्राज्यवादी शक्तियों का सरकार के ऊपर प्रभाव पड़ा है जैसे पकिस्तान के ऊपर शुरू से साम्राज्यवादी शक्तियों का प्रभाव रहा है और उसकी दुर्दशा हो रही है । हमारा देश ब्रिटिश, फ्रांसीसी , पुर्तगाली आदि साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा शासित रहा है । इन्ही शक्तियों ने देश की प्राकृतिक सम्पदा से लेकर प्रत्येक चीज का शोषण किया है । सम्रज्वादियो की समृद्धि उपनिवेशिक लूट ही होती है । आज की स्तिथियों में अमेरिकन साम्राज्यवादी शक्तियां हमारे देश को कमजोर करके अप्रत्यक्ष रूप से शासित करना चाहती है। जिस में उग्र हिंदू वादी संगठन उनके लिए मददगार साबित हो रहे है इसलिए आवश्यक है की अमेरिकन साम्राज्यवाद का मिलजुलकर मुकाबला किया जाए तभी देश की आर्थिक प्रगति, विकास सम्भव है । साम्राज्यवादी शक्तियों को बगैर परास्त किए देश का विकास सम्भव नही है।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
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1 comment:
अजी इस अमेरिका ने अपने हाथियार भी बेचने है ना, पता है ना इस समय अमेरिका कंगाली के दॊर से गुजर रहा है,ओर उस के हथियार कोन खरीदेगा जब दुनिया मै शांति होगी तो... बस यही एक खेल है जी.
आप ने बहुत अच्छा लिखा. धन्यवाद
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