उत्तर प्रदेश में आतंकवाद के नाम पर फर्जी गिरफ्तारियों को लेकर सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायधीश आर. डी. निवेश कमेटी का गठन किया था गिरफ्तारियों की जांच से आतंकवादी फर्जी गतिविधियाँ रुक गयीं तथा फर्जी एनकाउंटर्स भी लगभग बंद से हो गए कचेहरी सीरियल बम्ब विस्फोट कांड के अभियुक्त मोहम्मद खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारी 22 दिसम्बर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर आर. डी. एक्स व ड़िकोनेटर की बरामदगी के साथ दिखाई गई थी सूचना के अधिकार के तहत 15 सितम्बर 2009 को क्षेत्राधिकारी पुलिस मड़ियाहूँ जिला जौनपुर ने लिखित रूप से सूचना दी है कि 16-12-2007 को शाम 6:30 बजे एस टी एफ द्वारा खालिद मुजाहिद को मड़ियाहूँ बाजार जिला जौनपुर से गिरफ्तार किया था जो अपराधिक मामला बनता है इसलिए आगे की सूचना नही दी जा सकती है । इस तरह से यह पुलिस विभाग ने ही साबित कर दिया है कि खालिद मुजाहिद को 16-दिसम्बर-2007 को मड़ियाहूँ बाजार जिला जौनपुर से गिरफ्तार किया गया था । अब सवाल यह उठता है कि २२ दिसम्बर 2007 को बाराबंकी स्टेशन पर जो गिरफ्तारी दिखाई आर डी एक्स व ड़िकोनेटर के साथ दिखाई गई है वह फर्जी है जब खालिद मुजाहिद एस टी एफ कि अभिरक्षा में था तो किन पुलिस अधिकारियो ने उसके पास आर डी एक्स व ड़िकोनेटर दिखाया और उक्त दोनों बरामदशुदा सामान वह लोग कहाँ लाये यह जांच का महत्वपूर्ण विषय है । निवर्तमान पुलिस महानिदेशक के समय में आए दिन अखबारों में आतंकवाद से खबरें भरी होती थी और हद तो यहाँ तक हो गई थी कि कलकत्ता में चोरी के मामले में निरुद्ध व्यक्ति को लखनऊ में आर डी एक्स सप्लाई करते हुए दिखाया गया था । आज जरूरत इस बात कि है कि निवर्तमान पुलिस महानिदेशक के समय में आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तारियां की गई है और एनकाउंटर किए गए है उनकी जांच सरकार को अवश्य करनी चाहिए । जांच इसलिए आवश्यक है कि सभ्य लोकतांत्रिक समाज में किसी भी व्यक्ति को फर्जी कहानी गढ़ कर कारागार में निरुद्ध कर देना सम्पूर्ण मानवता के साथ अपराध है और किसी भी आदमी को घर से पकड़ कर गोली मारकर हत्या कर देना और मुठभेड साबित करना भी सभ्य समाज के ऊपर तमाचा है ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
Tuesday, October 13, 2009
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2 comments:
सही कहा आपने ।
आभार ।
आतंकवाद को रोकने के नाम पर खुद तो आतंकी ना बने ।
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