Sunday, May 18, 2008
अरे क्या हो गया रंगकर्मियो पूरा हफ्ता गुजर गया कोई नई पोस्ट नही । क्या सारे रंग सूख गये या ब्रश झाडू हो गये?
ऐसा कैसा चलेगा भाईयों और बहनो, भांजों और भांजियों, भतीजों और भतीजियों, पोते और पोतियों, नातिनों और नातीयों,
कुछ करो , उठाओ कलम और दौडो कागज पर। सुना है दिल्ली में तूफान और बारिश के बाद थोडी ठंडक आई है मन में भी तो नये अंकुर फूटे होंगे, तो फिर देर किस बात की । इंतजार है कुछ नई कलाकृ़तियोंका ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
इन्तजार तो हमे भी है ....
नीरज
Post a Comment