अजी जाने भी दीजिये बारह......रुपये कुछ ज्यादा नहीं लगते हैं.ये तो अहसान मानिये की खाना खाकर आपको कृतार्थ करते हैं और उपर से पैसा भी नहीं मांगते हैं की भाई आपके कहने पर खाना खाया है अब पैसे ढीलो.
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अजी जाने भी दीजिये बारह......रुपये कुछ ज्यादा नहीं लगते हैं.ये तो अहसान मानिये की खाना खाकर आपको कृतार्थ करते हैं और उपर से पैसा भी नहीं मांगते हैं की भाई आपके कहने पर खाना खाया है अब पैसे ढीलो.
चुटकी---- जिनके भी हैं पेट खाली, सब मिल के बजाओ ताली, नेता जी को मिलेगी बारह रूपये में भोजन की थाली।
थोडी महंगी नही, इन्हे तो मुफ़त मै ""डालनी"" चाहिये
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