महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा मानने से इनकार कर दिया है और उन्होंने कहा है की हिन्दी राष्ट्रीय भाषा नही है अपितु सरकारी भाषा है । यह बात शिव सेना, मनसे के अतिरिक्त किसी अन्य ने कही होती तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ , भाजपा सहित उनखे तनखैया पत्रकारों का हिन्दी प्रेम जाग्रत होकर एक उन्माद पैदा करने का कार्य कर रहे होते चूँकि, मामला उन्ही लोगों से सम्बंधित है , इसलिए उनका हिन्दी प्रेम नदारद है । हमारा पहले से ही सुस्पष्ट विचार है की ऐसे तत्व विघटनकारी तत्व हैं जो देश की एकता और अखंडता को कभी धर्म के नाम पर, कभी जाति के नाम पर, कभी भाषा के नाम पर, कभी प्रान्त के नाम पर नष्ट करना चाहते हैं । आज जरूरत इस बात की है कि ऐसे तत्वों को चिन्हित किया जाना आवश्यक है ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
Thursday, December 3, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
sharm aani chahiye MNS aur SHIVSENA ko jo aisi baatein kar ke janta ko bhadkaa rahey hain.
HINDI hamari rashtriya bhasha hai aur rahegi.
Moorkhon k sar pe seeng nahi hotay Bal Thakrey aur Raj Thakrey aise he moorkhon mein se ek hain.
अब क्या कहे इस देश मे नियम कानून सिर्फ़ गबो के लिये बना है..... इन कुर्सी के लालचियो को इस का कोई डर नही
Post a Comment