टेलिकॉम कंपनियों ने अपने मुनाफे के लिए आबादी क्षेत्र में नियमो-उपनियमों का उल्लंघन मोबाइल टावर लगा कर रखा है । जिससे अधिकांश जनता का जीना दूभर हो गया है । टेलिकॉम कंपनियों ने लोगो की छतों पर मोबाइल टावर लगा रखे हैं । मोबाइल टावर को संचालित करने के लिए बड़े-बड़े जनरेटर छत पर रखे हैं । जनरेटर चलने से उत्पन्न कंपन से पड़ोसियों के मकान चिटक रहे हैं। शोर से आबादी क्षेत्र में रहने वाले लोगो को काफ़ी असुविधा होती है । मोबाइल टावर क्षेत्र में तरंगो से लगातार बन रहे बादल से मानव जीवन के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा । मोबाइल टावर के कारण जगह-जगह विवाद उत्पन्न हो रहे हैं जिनसे निपटने के लिए टेलिकॉम कंपनियों ने पुलिस विभाग को अपने कब्जे में करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव दिया है कि प्रदेश के 15 सौ थानों में व पुलिस लाइन्स में मोबाइल टावर लगाने के लिए किराए पर दे दिए जाएँ । यह उनकी सोची समझी रणनीति का हिस्सा है । नागरिको से विवाद होने पर पुलिस टेलिकॉम कंपनियों की तरफ़ ही होती है और यदि वह पुलिस विभाग के किरायेदार हो जाएँ तो मालिक और किरायेदार मिलकर नागरिको का जीना दूभर कर देंगे। टेलिकॉम कंपनियों ने बहुत सोच समझ कर पुलिस विभाग पर कब्ज़ा करने की रणनीति अपनाई है। टेलिकॉम कंपनियां जनता से तरह तरह के लोक लुभावन वादे करती हैं जो वास्तव में अप्रत्यक्ष रूप से ठगी के कोटि अपराध होता है । एक छोटा सा बिन्दु लगा कर बहुत ही महीन शब्दों में लिखा होता है कि कुछ शर्तें लागू हैं जिनको उपभोक्ता ध्यान नही दे पाता है और ठगा जाता है । इस तरह से टेलिकॉम कंपनियां अपने अपराधों में पुलिस के नजदीक रहकर छिपाना चाहती हैं।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
Saturday, December 5, 2009
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7 comments:
नाईस
bhai sahab app jo bhi ho apni jaban sambhal ke bolo , kasab cia , mosad ka agent to nahi par tum jaroor pakistan ke agent lag rahe ho. kam se kam kuch likhe ne pahle soch liya karo . hindustan mein ho hindutan ke haq ki baat kiya karo .
समझने में मुश्किल हो रही है...
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