
आज मीठी धूप को अंगना से
नज़र झुकाए गुजरते देखा..
अलसाये मौसम की आँखों में
बेशुमार इश्क उमडते देखा
पीले फूलों की क्यारियों को
प्रेम गीत, गुनगुनाते सुना
भंवरा बेचारा भर रहा
आहे...शायद वो अकेला पड़ा
उदासी के आलम में भि
हमने ज़िन्दगी को, आज
नए रंग में पसरते देखा......
कीर्ती वैद्य २२ अप्रैल 2008
1 comment:
सुन्दर रचना
Post a Comment