सखियाँ खेलन को आई
बन के सजना,
मैं ना खेलूंगी तुम संग
करो मोहे तंग ना।
----
साजन के रंग में रंगकर
साजन की हो ली,
तू तो हो गई री जोगन
खेले ना होली।
----
घर घर धमाल मचाए
सखियों की टोली,
साजन परदेश बसा है
कैसी ये होली।
रंगकर्मी पर प्रकाशित सभी लेख लेखकों की व्यक्तिगत राय या सोच है। प्रत्येक लेख (पोस्ट) से सम्बन्धित लेखक ही उसके लिये पूर्णतया ज़िम्मेदार है। रंगकर्मी पर प्रकाशित किसी भी लेख को लेकर होने वाले विवाद या आपत्ति का रंगकर्मी के संचालक/संपादक से कोई लेना देना नही होगा। सभी लेखकों से अनुरोध है कि वो कोई भी विवादित लेख, तस्वीर या सामग्री रंगकर्मी पर प्रकाशित ना करें। इस तरह के लेख या तस्वीर को बिना किसी सूचना के ब्लॉग से हटा दिया जायेगा। सम्पादक-रंगकर्मी
1 comment:
सुंदर गीत . होली की शुभ कामनाएं ।
Post a Comment