कैसे मान लूँ
कि हमारे बीच
कुछ हुआ न था ।
कैसे जान लूँ
कि तब जो हुआ
वह हुआ न था ।
मेरा तुम्हारा मिलना
दिलों का जुडना
हुआ न था ।
बिछडते हुए
जल्द लौटने का वादा
तुमने किया न था ।
आज एयरपोर्ट पर
पत्नी और बच्चे के साथ
तुम्हारा मिलना
यही आज का सच है
तो कल कुछ भी
हुआ न था ।
Tuesday, March 8, 2011
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1 comment:
अच्छी कविता ..
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