रंगकर्मी परिवार मे आपका स्वागत है। सदस्यता और राय के लिये हमें मेल करें- humrangkarmi@gmail.com

Website templates

Monday, July 12, 2010

कल रात को स्टार न्यूज़ पर एक परिचर्चा हो रही थी। विषय, विषय तो ऑक्टोपस बाबा के अलावा कुछ हो ही नहीं सकता था। उसमे कई ज्योतिषविद ,तर्क शास्त्री और वैज्ञानिक भाग ले रहे थे। चैनल का खेल संपादक उसका संचालन कर रहा था। सबकी अपनी अपनी राय, तर्क,कुतर्क थे। इसमें एक बात बड़ी जोरदार थी। जैसे ही संचालक किसी ज्योतिषाचार्य को अपनी बात कहने के लिए माइक देता, स्टूडियो में काम करने वाला एक बड़ा पत्रकार [ शायद ] आकर जबरदस्ती उससे माइक लेकर अपनी बात कहने लगता। बात भी पूरी गुस्से में कहता। एक बार नहीं ऐसा बार बार हुआ। परिचर्चा का संचालन करने वाला उसको बुलाता या नहीं वह आ जाता। ज्योतिषाचार्य अपनी बात शुरू भी नहीं कर पाते कि वह टपक पड़ता। संचालक भी उसको ऐसा करने से रोक नहीं रहा था। जब चैनल ने उनको बुलाया है, अपनी बात कहने के लिए तो उनको अपना कथन पूरा ना करने देना कहाँ की सभ्यता है। फिर ऐसे कार्यकर्म में तथाकथित नास्तिकों को हिन्दू धर्म, देवी देवताओं, उनसे जुड़ी मान्यताओं को गाली निकालने का खुला मौका मिल जाता है या ये कहें कि दिया जाता है।। गलत को गलत कहना बुरी बात नहीं लेकिन केवल अपनी ही बात को सच साबित करने के लिए जोर से बोलना, दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुँचाना कौनसा वैज्ञानिक तथ्य है। चैनलों पर बैठ कर हिन्दुओं, देवी-देवताओं को अपमानित करने वाले इस प्रकार से किसी और धर्म के बारे में एक शब्द भी बोल कर दिखाएँ। चैनल से लेकर सरकार तक की जड़ें हिल जाएँगी। बात कहने वालों का चैनल से बाहर आना मुश्किल हो जायेगा। आप सच्चें हैं, आपका तर्क वैज्ञानिक कसौटी पर खरा है। मगर चैनल वाले ने जिस को बुला रखा है वह भी तो कुछ ज्ञान रखता होगा। मेरी इस पोस्ट से भी ऐसे नास्तिकों के पेट में मरोड़ उठेगी। चलो ठीक है पेट साफ हो जायेगा। ऐसी वार्ता संचालन करने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्टाफ को कोई बन्दा यूँ किसी की बात को ना काटे। अगर उसको बुलाना मज़बूरी है तो उसको भी परिचर्चा में शामिल कर लो। जिस से बीच बीच में माइक छीन कर वह किसी का अपमान ना कर सके। तर्क शास्त्रियों पर भी किसी धर्म की निंदा करने पर रोक होनी चाहिए। आप समालोचना करो, तर्क से अपने कथन की सार्थकता सिद्ध करो, ये क्या कि जब कोई बस ना चले तो आपे से बाहर होकर किसी का अपमान करना शुरू कर दो। ताकि दूसरा कोई जवाब ही न दे सके। नारायण,नारायण।

4 comments:

RADHIKA said...

media वालो के पास अब बस यही काम रहा हैं ,एक दुसरे की बुराई करना ,इधर उधर के चार लोगो को बुलाकर बेतुकी परिचर्चाएं करवाना ,मैं तो देखती ही नही यह सब .आपकी पोस्ट पसंद आई
डॉ . राधिका

Keerti Vaidya said...

i agreed with Dr. radhika Ji ..satch kabhi kabhi bhaut pakau lagta hai kisi khabar ka opreation hota dekh

Narendra Vyas said...

जो कहना चाह रहे थे हम, आपने हमारे विचारों और भावनाओ को खुल कर कह दिया.. सलाम आपको. पता नहीं लोग सच कहने से क्यों डरते हैं..सिर्फ नाम की तलाश में क्यं चुप रहते हैं..आपने कहा... कहना था जहां...हमारी शुभकामनाएं क़ुबूल कीजिए और ऐसे ही लिखते रहने की हमारी दुवायें भी लीजिये... साधुवाद !!

Anonymous said...

blog par koi nayi khabar nahi daali gayi abhi tak?
busy hai kya?

Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....

A Silent Silence : Zindgi Se Mat Jhagad..

Banned Area News : Chill Out Zone - Ashmit Patel

सुरक्षा अस्त्र

Text selection Lock by Hindi Blog Tips