आज़ादी का जश्न हम सब मना रहे हैं। लेकिन आज़ादी के मायने क्या हैं इस पर हम सब को सोचना चाहिये। हमें आज़ादी तो मिली पर उसके साथ कुछ ज़िम्मेदारियां भी आयीं। क्या हमने उन ज़िम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी दिखाई? अगर नही तो आज फिर मौका है उस ज़िम्मेदारी को निभाने का......
“थिरकन” सभी देशवासियों से अपील करती है कि हम सब देश की प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और आज़ादी के जश्न को सार्थक बनाते हुये एक पेड़ या पौधा अपने घर या आस-पास कहीं भी ज़रुर लगायें। ताकि हमारे पर्यावरण को भी प्रदुषण से आज़ादी मिल सके और हमारा कल भी प्रदुषण से आज़ाद हो।
जय हिन्द।
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5 comments:
केसी आजादी? कोन है भारत मै आजाद, नेता, गुंडे आम आद्मी तो आज भी गुलामो सा रह रहा है
आपने
बहुत उम्दा पोस्ट लगाई है।
लोकहित की बात उठाई है।
स्वतंत्रता दिवस की
हार्दिक बधाई है ॥
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
काश ये आवाज़ नक़्क़ारखाने से बाहर भी सुनाई दे.
कुछ लोग तो सोच रहें हैं, इससे यही लगता है शायद कि उम्मीद मरी नही है
आपको स्वतंत्रता दिवस पर ढेरों शुभकामनाएं.
आपका ये आव्हान बहुत सकारात्मक है ।
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