दीप सज्जित स्वच्छ गृह सब फूल माला से सजे
नव सुवसना नारी नर सब आज स्वागत में भजे
धूप, चंदन, पुष्पमाला करें पूजन लक्ष्मी का
मलिनता और द्वेष ईर्षा आज के दिन सब त्यजें ।
नाना विविध पकवान से श्री भोग को अर्पित करें
प्रसाद ये फिर स्नेह पूर्वक साथ साथ ग्रहण करें
नमन मन से करें, विनती, देवि से समृध्दी की
घर द्वार आंगन नगर देश सब धान्य औ धन से भरे ।
सुख शांति का साम्राज्य हो पर देश हित तत्पर रहें
हमें असावध देख बैरी ना कोई खटपट करे
मजबूत हों सैनिक हमारे, नागरिक भी सशक्त हों
यही इच्छा करें और इसको कर्म से सुफल करे ।
सभी ब्लॉगर बंधु भगिनियों को दिवाली की अनेक शुभ कामनाएँ ।
Sunday, October 23, 2011
Subscribe to:
Posts (Atom)