Saturday, April 23, 2011
Monday, April 18, 2011
Saturday, April 16, 2011
यूसुफ़ अन्सारी को ड़ॉ. अम्बेड़कर सम्मान
मुम्बई। अम्बेड़कर जयन्ती के मौके पर गुरुवार की रात मुम्बई मे आयोजित एक भव्य समारोह में देश के जाने-माने टीवी पत्रकार यूसुफ़ अन्सारी, फिल्म अभिनेता धमेन्द्र, और अभिनेत्री एंव सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आज़मी को ड़ॉ. भीमराव अम्बेड़कर अवार्ड़ से सम्मानित किया गया। इनके अलावा कई फिल्मी कलाकारों को अलग-अलग श्रेणी मे अवार्ड़ से नवाज़ा गया।
मुम्बई मे गुरुवार की शाम ड़ॉ. अम्बेड़कर के नाम रही। महानगर के शमुखानन्द चन्द्रशेखर नरेन्द्र सरस्वती ऑडिटोरियम मे मशहूर बॉलीवुड़ पत्रिका पेज3 और महाराजा यशवंत राव होलकर प्रतिष्ठान ने ड़ॉ.भीवराव अम्बेड़कर सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस भव्य समारोह मे देश की कई जानी मानी हस्तियां शामिल हुई। देश के जाने-माने टीवी पत्रकार एंव राजनीतिक विश्लेषक यूसुफ़ अन्सारी को अपनी ख़बरों और लेखों में समाज के पिछड़े, अतिपिछड़े, दबे, कुचले और निरक्षर वर्ग की आवाज़ उठाने के लिये इस प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया। दिल्ली से पुरुस्कार ग्रहण करने मुम्बई आये वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ़ अन्सारी ने कहा कि वो ये पुरुस्कार पाकर काफी उत्साहित हैं। उनका कहना था कि बाबा साहेब से ही उन्हे निचले तबके की आवाज़ उठाने की प्रेरणा मिली थी और वे तब तक ये काम करते रहेंगें जब तक सबसे पिछड़ा तबका समाज के मजबूत तबकों के बराबर आकर ना खड़ा हो जाये। उन्होने कहा कि बाबा साहेब के नाम पर सम्मान मिलना उनके लिये गर्व की बात है।
इस मौके पर जाने-माने फिल्म अभिनेता धमेन्द्र को बॉलीवुड़ मे उनके सराहनीय योगदान के लिये लाइफटाईम अचीवमेन्ट अवार्ड़ से नवाज़ा गया। साथ ही मशहूर अभिनेत्री एंव सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आज़मी को सोशलवर्क में उनके सराहनीय योगदान के लिये इस पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। दोनों कलाकारों ने आयोजकों की सरहाना करते हुये बाबा साहेब के बताये मार्ग का अनुसरण करने की बात कही। इनके अलावा इस मौके पर मशहूर गायिका आशा भौंसले, फिल्म अभिनेता विवेक ओबरॉय, गायिका अनुराधा पौड़वाल, गायक उदित नारायण, अभिनेत्री सलमा आगा, टीवी कलाकार अन्जन श्रीवास्तव, फिल्मकार इकबाल दुर्रानी और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अनीस अहमद को भी सम्मानित किया गया।
Friday, April 15, 2011
Wednesday, April 13, 2011
Tuesday, April 12, 2011
Saturday, April 9, 2011
हिन्दूस्तान में अन्ना हजारे के पक्ष में चली आंधी से सरकार थोड़ी डगमगाई। आज वह हो जायेगा जो अन्ना चाहते हैं। इस आन्दोलन से जुड़े लोग खुशियाँ मनाएंगे। एक दो दिन में अन्ना को भूल कर आई पी एल में खो जायेंगे। यही होता आया है इस देश में। आजादी मिली। हम सोचने लगे ,अब सब अपने आप ठीक हो जायेगा। क्या हुआ? कई दश पहले " हाय महंगाई..हाय महंगाई " वाला गीत आज भी सटीक है। गोपी फिल्म का गाना " चोर उचक्के नगर सेठ और प्रभु भगत निर्धन होंगे...जिसके हाथ में होगी लाठी भैंस वही ले जायेगा..... " देश के वर्तमान हालत की तस्वीर बयान करता है। लोकतंत्र। कहने मात्र से लोकतंत्र नहीं आ जाता। देखने में तो भारत में जनता की,जनता के लिए जनता द्वारा चुनी हुई सरकारे ही आई हैं। किन्तु लोकतंत्र नहीं आया। भैंस बेशक किसी की रही मगर लेकर वही गया जिसके हाथ में लाठी थी। कहीं ऐसा ही हाल इस आन्दोलन का ना हो जाये। इसलिए अन्ना हजारे के आन्दोलन से जुड़े हर आदमी को सजग ,सचेत रहना है। जो कुछ चार दिनों में जंतर,मंतर पर हुआ उसका डर सरकार को बना रहे। मकसद जन लोकपाल विधेयक नहीं ,करप्शन मुक्त भारत है। विधेयक पहली सीढ़ी है। इसके बन जाने से ही करप्शन ख़तम नहीं हो गया। होगा भी नहीं। अभी तो केवल शुरुआत है। देश में माहौल बना है। आम आदमी के अन्दर करप्शन के प्रति विरोध,आक्रोश मुखर हुआ है। वह सड़क पर उतरा है। यह सब कुछ बना रहना चाहिए। बस यह चिंगारी बुझे नहीं। ऊपर राख दिखे तो दिखे। कुरेदो तो चिंगारी नजर आनी चाहिए जो फूंक मारते ही शोला बन जाने का जज्बा अपने अन्दर समेटे हो, सहेजे हो। वरना सब कुछ जीरो।