रंगकर्मी परिवार मे आपका स्वागत है। सदस्यता और राय के लिये हमें मेल करें- humrangkarmi@gmail.com

Website templates

Saturday, May 15, 2010

कुछ पाने के लिए

ठीक है कुछ पाने के लिए कुछ ना कुछ खोना ही पड़ता है, मगर ये नहीं जानता था कि मैं, कुछ पाने के लिए इतना कुछ खो दूंगा कि मेरे पास कुछ और पाने के लिए कुछ भी तो नहीं बचेगा, और मैं थोडा सा कुछ पाने के लिए अपना सब कुछ खोकर उनके चेहरों को पढता हुआ जो मेरे पास कुछ पाने की आस लिए आये हैं, लेकिन मैं उनको कुछ देने की बजाए अपनी शर्मसार पलकों को झुका उनके सामने से एक ओर चला जाता हूँ किसी और से कुछ पाने के लिए।

4 comments:

राज भाटिय़ा said...

नाईस जी

लल्लन की कलम से said...

सत वचन भाई

शरद कोकास said...

बिलकुल नहीं सुधरेंगे ।

अरुणेश मिश्र said...

सटीक चित्रण ।

सुरक्षा अस्त्र

Text selection Lock by Hindi Blog Tips