
उत्तर प्रदेश की जानी-मानी सामाजिक संस्था थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) का सेवा अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। संस्था पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश और एनसीआर के अलग-अलग शहरों मे समाज सेवा के कार्य करती आ रहा है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुये थिरकन क्लॉथ बैंक ने वैशाली सेक्टर-4 की झुग्गियों मे रहने वाले परिवारों को कपड़े बांटे।
सेक्टर-4, बिजलीघर पार्क के साथ करीब 40 झुग्गियां हैं जहां लगभग 120 लोग रहते हैं। सामाजिक संस्था "थिरकन" के क्लॉथ बैंक ने यहां पहले सर्वे किया और उसके बाद आज यहां महिलाओं और पुरुषों को कपड़े वितरित किये। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कैप्टन एम.एम.बैग ने कार्यक्रम में पंहुचकर संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर कपड़े बांटें। एस.पी. कैप्टन एम.एम.बैग ने थिरकन के कार्यों की सरहना करते हुये कहा कि वो पिछले लगभग पांच सालों से थिरकन के कामों को देख रहे हैं। उन्होने कहा कि जिस तरह से थिरकन वैलफेयर एसोसिएशन निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रही है वो दूसरों के लिये प्रेरणादायक है। उन्होने थिरकन स्कूल मे गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिये जाने को भी सराहा। कार्यक्रम मे आये वरिष्ठ पत्रकार एंव राजनैतिक चिन्तक यूसुफ अन्सारी ने कहा कि थिरकन का जो मकसद है वो नेक है। लोगों को संस्था की मदद के लिये आगे आना चाहिये।
संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहालता सिंह ने बताया कि थिरकन पिछले नौ सालों से बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के कार्य कर रही है। इस दौरान संस्था ने बेसहारा गरीब बच्चों की पढाई का जिम्मा लेने के साथ-साथ स्वास्थ जागरुकता के कार्यक्रम भी आयोजित किये हैं। संस्था के सदस्यों की मदद से ही कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। संस्था सचिव एंव टीवी एंकर नन्दिनी सिंह ने बताया कि संस्था का क्लॉथ बैंक असहाय और गरीब लोगों का तन ढकने के लिये हर सम्भव कोशिश मे जुटा है। इस बैंक को कोई भी अपने पुराने या छोटे हो चुके कपड़े दान कर सकता है। ज़रुरत इस बात की है कि शहर के लोगों को ऐसी संस्थाओं की मदद के लिये आगे आना चाहिये।
इस मौके पर संस्था के सदस्य संदीप कुमार, प्रियंका सिंह, कु.ममता सिद्धार्थ, एसआई संजीव कुमार, हसीब खान, खुशी, प्रियंका शर्मा और श्रीमती शबनम अन्सारी आदि का सहयोग रहा। www.thirkanthengo.blogspot.com, www.facebook.com/thirkan