tag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post1731274639634998677..comments2023-11-05T14:15:44.283+05:30Comments on रंगकर्मी Rangkarmi: इलेक्ट्रानिक मीडिया में भूकंपParvez Sagarhttp://www.blogger.com/profile/02982894907523254757noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post-90996283737635743252021-01-13T15:25:20.201+05:302021-01-13T15:25:20.201+05:30Valentine Flowers<a href="https://www.indiagift.in/occasions-delivery-online/valentine-day/valentine-day-flowers" rel="nofollow">Valentine Flowers</a>Daisyhttps://www.blogger.com/profile/10345431336454023899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post-64851023793976557152020-12-29T10:13:09.876+05:302020-12-29T10:13:09.876+05:30Online Gifts for Her<a href="https://www.indiagift.in/gifts-delivery-online/gifts-for-her" rel="nofollow">Online Gifts for Her</a><br />Daisyhttps://www.blogger.com/profile/10345431336454023899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post-10771297503860921882008-10-10T03:53:00.000+05:302008-10-10T03:53:00.000+05:30अमित जी काफी आच्छा लिखा है। यही हो रहा है। आजकल टी...अमित जी काफी आच्छा लिखा है। यही हो रहा है। आजकल टी. आर .पी. की अन्धी दौड़ में कुछ चैनलों ने भारतीय पत्रकारिता के वास्तविक स्वऱूप को धूमिल कर दिया है। इस पर अब एक बहस की जरूरत है। ताकि लोकतंत्र में आम आदमी के हितों की रक्षा करने वाले अमोघ अस्त्र की धार कुंद न होने पाये।manas mishrahttps://www.blogger.com/profile/01217933158563664165noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post-8318829114311783912007-11-27T17:27:00.000+05:302007-11-27T17:27:00.000+05:30आपके प्रयास सराहनीय है और आशा है आप इसे जारी रखेंग...आपके प्रयास सराहनीय है और आशा है आप इसे जारी रखेंगे. <BR/><BR/>दीपक भारतदीपदीपक भारतदीपhttps://www.blogger.com/profile/09317489506375497214noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post-7462220697398972912007-11-27T16:48:00.000+05:302007-11-27T16:48:00.000+05:30सर बहुत सही बात कही है आपने। लेकिन ज़्यादा मसालेदा...सर बहुत सही बात कही है आपने। लेकिन ज़्यादा मसालेदार खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लगता है आने वाले दिनों में इन न्यूज़ चैनल वालों की सेहत पर भी बुरा असर पड़े बिना नहीं रहेगा। आखिर आम आदमी भी कितना गरमागरम और कितना मसालेदार झेलेगा। ..............और एक सबसे अच्छी बात कही है आपने...वो सीवी वाली । दुखती रग पे हाथ रख दिया है सर आपने। ये कड़वी सच्चाई है और हम सबका साझा दर्द भी। ऐसे में एक ही फ़िल्मी गीत ज़ेहन में आता है, शायद आपने भी सुना हो..........दर्द सहेंगे, कुछ न कहेंगे, चुप ही रहेंगे हम...............।<BR/><BR/>कमेंट लिखने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आशा करता हूं भविष्य में भी अपने विचारों से अनुगृहीत करते रहेंगे।<BR/><BR/>अमित मिश्रा, सीएनईबी।Amithttps://www.blogger.com/profile/17546887211217561952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8926392925894085311.post-69183065739738605562007-11-27T13:26:00.000+05:302007-11-27T13:26:00.000+05:30हिन्दी न्यूज चैनलों को एक बहुत बड़ा रोग है टीआरपी क...हिन्दी न्यूज चैनलों को एक बहुत बड़ा रोग है टीआरपी का। अब सबसे पहले तो उन्होने ढूंढा कि कौन बन्दा फालतू है ज्यादा, फिर उसका टेस्ट, च्वाइस, झेलने की क्षमता। इन सभी सर्वे के बाद डिसाइड किया गया कि हम आम आदमी की बात करेंगे (जैसे कांग्रेस ने आम आदमी का नारा दिया था।)<BR/><BR/>अब जाहिर है आम आदमी कोई कार वगैरहा मे तो घूमेगा नही, उसका टेस्ट भी झन्नाटेदार, मसालेदार, गरमागरम खबरों मे होगा। तो जनाब शुरु हो गया ये मदारी वाला खेल। अब एंकर भी क्या करें, रोजी रोटी का सवाल है, जब तक टीआरपी है तब तक नौकरी बची हुई है, टीआरपी गिरी तो फिर सीवी वाली फाइल लेकर दूसरे दरवाजे भटकना पड़ेगा।<BR/><BR/>सारी न्यूज कुल मिलाकर मनोहर कहानिया के इलेक्ट्रानिक संस्करण ही दिखते है, बीच बीच मे एडवर्टाइजमेंट भी उसी स्तर के होते है। बस गुप्तरोग टाइप वाले विज्ञापन आने बाकी है। वो भी आ ही जाएंगे। इन सभी चैनलों से बचने का एक अच्छा इलाज है, रिमोट। बस उस पर अंगुली रखें।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.com